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प्रदेश में मुख्य सचिव द्वारा सीएस मानिट में रखे जाने वाले प्रकरणों के निराकरण को लेकर विभाग और अधिकारी गंभीर नहीं हैं। इसका असर यह है कि सीएस मानिट में पांच साल से अधिक समय के केस पेंडिंग है और उनका निराकरण नहीं हो पा रहा है। सबसे अधिक 518 मामले गृह
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सीएस राणा के निर्देश पर 15 जुलाई से 29 जुलाई तक अलग-अलग विभागों की रिव्यू मीटिंग बुलाई गई है। इसमें विभागों से सीएस मानिट में डाले गए मामलों के निराकरण में होने वाली देरी का कारण पूछा जाएगा। साथ ही इसके जल्द से जल्द निराकरण के लिए कहा जाएगा। इसको लेकर पूर्व में जून माह के अंतिम सप्ताह में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा सभी विभागों को पत्र लिखकर सीएस मानिट के मामलो के त्वरित निराकरण के लिए कहा गया था लेकिन एक पखवाड़े बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। इसलिए अब तेजी से रिव्यू किया जाएगा।
क्या है सीएस मानिट
मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के पास विभिन्न विभागों से संबंधित ऐसे मामले जिनके निराकरण को प्रायरिटी दी जाती है और वे लोकहित से जुड़े होते हैं। ऐसे मामलों को सीएम या सीएस मानिट में शामिल किया जाता है और इसके लिए एक अलग सेल सीएम और सीएस मानिट की बनी हुई है। इस मानिट सेल में अत्यधिक प्रायरिटी वाले केस को ए प्लस, उससे कम प्राथमिकता वाले को ए, फिर बी और सी कैटेगरी मेंं शमिल किया जाता है।
इन विभागों के केस सर्वाधिक पेंडिंग
गृह विभाग-518
नगरीय विकास और आवास विभाग-274
लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा-252
राजस्व विभाग-199
सामान्य प्रशासन विभाग-187
सामान्य प्रशासन मानव अधिकार-102
औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन-85
पर्यटन विभाग-83
लंबित मामलों पर एक नजर
- केन बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व को 5478 हेक्टर जमीन उपलब्ध कराई गई है। इस मामले में प्रभावित 21 गांवों की संपत्ति का सर्वे पूरा कर लिया गया है पर भू अर्जन और पुनर्वास प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
- पांच साल पहले सीबीआई ने व्यापमं स्कैम में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग ग्वालियर से चंबल निरीक्षण गृह, चंबल कालोनी ठाठीपुर के विश्राम भवन को उपयोग में लिया था। इसके लिए सीबीआई से किराया जमा कराने के लिए पत्र लिखा जा चुका है पर कार्रवाई पेंडिंग है।
- सांसद दिग्विजय सिंह ने टेम सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी जिला विदिशा के डूब प्रभावित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों बेरागढ़ मुंडेला, धीरगढ़ के प्रभावित लोगों को भूअर्जन और पुनर्वास का मामला उठाया था। इन किसानोंं को अब तक अवार्ड पारित होने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला है।
- सीबीआई नेे मंदसौर जिले के गांधी सागर बांध और विद्युत परियोजना को लेकर कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग से जानकारी मांगी है जो एक साल बाद भी नहीं दी जा सकी है।
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