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अस्पताल 4 बीघा में बना है। इसे बनाने में 15 करोड़ की लागत आई है।
बीकानेर का नोखा कस्बा। इसके पास ही एक छोटा सा गांव सीलवा। सरकार ने यहां हाल ही में उप स्वास्थ्य केंद्र को प्रमोट कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंजूर किया है।
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यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही इस गांव की एक नई पहचान बन गया है। कारण, इस स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग और यहां मिलने वाली सुविधाएं।
ऐसी सुविधाएं कि आपको किसी जिला अस्पताल में भी नहीं मिलेंगी। पूरा अस्पताल ईको फ्रेंडली है। दिन में यहां किसी भी हिस्से में लाइट जलाने की जरूरत नहीं।
यहां 50 तरह की जांचों से लेकर ऑपरेशन तक हो सकेंगे। भास्कर टीम यहां पहुंची तो दावा किया गया कि ये देश की सबसे हाईटेक पीएचसी होगी।
संत दुलाराम कुलरिया राजकीय अस्पताल। (ड्रोन -आरके स्टूडियो, नोखा)
आपको बता दें कि इस पीएचसी का निर्माण नोखा के दुला राम कुलरिया की याद में उनके तीन बेटों भंवर-नरसी-पूनम कुलरिया ने करवाया है। जिसे संत दुलाराम कुलरिया राजकीय अस्पताल नाम दिया गया है। 28 जुलाई को पीएचसी का उद्घाटन होगा। जिसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को न्योता दिया गया है।
अस्पताल के लिए कुलरिया परिवार ने न केवल चार बीघा जमीन दान की है, 15 करोड़ खर्च कर इसका निर्माण करवाया है। भवन का भूमि पूजन 28 नवंबर 2020 को किया गया था।
नरसी ग्रुप के एमडी जगदीश कुलरिया ने बताया कि नरसी इंटीरियर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राईवेट लिमिटेड ने इस बिल्डिंग की डिजाइन बनाई है।
इसी कंपनी के इंटीरियर डिजाइनर नरसी कुलरिया ने नए संसद भवन के इंटीरियर का डिजाइन तैयार किया था।
हॉस्पिटल की हर सुविधा को आज के किसी भी मॉर्डन हॉस्पिटल के अनुसार रखा गया है।
ईको फ्रेंडली अस्पताल
यह पूरा अस्पताल ईको फ्रेंडली है। दिन के समय अंदर एक भी लाइट जलाने की जरूरत नहीं पड़ती। रात को भी बिजली की ज्यादातर जरूरतें सोलर पैनल से पैदा हुई बिजली की स्टोरेज से पूरी होंगी।
अस्पताल में कहीं पर भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया है। यहां तक कि फर्नीचर और कलर में भी कहीं पर भी किसी प्रकार के केमिकल का उपयोग नहीं किया गया है। यहां लगने वाला सारा फर्नीचर मुंबई से आया है।
यहां हो सकेगी 50 तरह की जांच
आमतौर पर पीएचसी में बहुत ही सामान्य जांच होती हैं। कई पीएचसी में तो यह सुविधा भी नहीं होती, लेकिन इस पीएचसी में एक्स-रे, ईसीजी, सीबीसी, यूरीन एनलाइजर, ब्लड, किडनी, लीवर, मलेरिया, डेंगू, कॉलेस्ट्रॉल से जुड़ी करीब 50 प्रकार की जांच की जाएंगी। इसके लिए आवश्यक मशीनें और किट आ चुके हैं।
सीलवा पीएचसी की सबसे खास बात यह है कि नवजात शिशुओं के लिए यहां रेडिएंट वार्मर की सुविधा है। आमतौर पर किसी भी पीएचसी में यह सुविधा नहीं मिलती। केवल जिला अस्पतालों में यह सुविधा रखी जाती है। यहां ऑपरेशन थिएटर भी बनाया गया है, जो सामान्य सर्जरी के लिए बनाया गया है।
पिता के संघर्ष की प्रेरणा से बनाया अस्पताल
छोटे से गांव में इस हाईटेक पीएचसी के निर्माण के पीछे भी एक कहानी है। दरअसल, जब गांवों में किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं होती थी तो यहां के लोगों को इलाज के लिए शहरों में जाना पड़ता था। तब इस गांव के लोग ज्यादातर 70 किमी दूर बीकानेर या 20 किमी दूर नोखा जाते थे।
नवजात शिशुओं का तापमान बनाए रखने के लिए रेडिएंट वार्मर का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सर्जरी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ओटी लाइट और टेबल।
अक्सर इमरजेंसी की स्थिति में लोग संत दुलाराम कुलरिया के पास आते। तब वे अपनी जीप से लोगों को लेकर जाते थे। इस दौरान लोगों की परेशानियों को देखकर वे सोचते थे कि काश, गांव में ही लोगों को हर तरह की सुविधा मिल जाए। वक्त बदला और कुलरिया परिवार इसके लिए सक्षम हुआ कि वह गांव वालों के लिए कुछ कर सके।
जिसके बाद अब उनके बेटों ने गांव में यह हाईटेक अस्पताल बनवाया है। नरसी ग्रुप के सीएमडी नरसी कुलरिया ने बताया कि आज हम उनका सपना पूरा होते देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल के निर्माण से नोखा के चरकड़ा, सिलवा, दावा, टांट, केड़ली, बंधड़ा और रायसर समेत 15 गांवों के करीब 60 हजार से अधिक लोगों को फायदा होगा।
अस्पताल में तीन ब्लॉक
ब्लॉक A- प्रवेश, मेडिकल रिकॉर्ड रूम, डिस्पेंसरी, रिसेप्शन, काउंटर, वेटिंग रूम, मंदिर, एक्स-रे रूम, ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएं।
ब्लॉक B- हॉस्पिटल प्रभारी रूम, कोल्ड चेन रूम, एएनएम रूम, वैक्सीनेशन रूम, स्टोर, लैब, एफसीजी मशीन, सीबीसी मशीन, यूरीन जांच मशीन, बायोकेमिस्ट्री जांच रूम। ब्लॉक के फर्स्ट फ्लोर पर कॉफ्रेंस हॉल, कैंटीन, गेस्टरूम, ट्रस्टी रूम भी होगा।
ब्लॉक C- मेल वार्ड, फीमेल वार्ड, डयूटी डॉक्टर रूम, मरीज वार्ड, लेबर रूम, ओटी और ऑपरेशन थियेटर बनाया गया है। दो डॉक्टर और 6 स्टाफ के लिए अलग अलग क्वार्टर बनाए गए हैं। बिजली के लिए जनरेटर भी लगाया गया है।
अभी सरकारी पीएचसी दो कमरों के इस भवन में चल रहा है। उद्घाटन होने के बाद अस्पताल को नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा।
सीएचसी में क्रमोन्नत करने की मांग करेंगे
अभी पीएचसी में महज एक एमबीबीएस डॉक्टर है। इसके अलावा दो एएनएम, एक जीएनएम, एक कंप्यूटर ऑपरेटर, एक अकाउंटेट स्वीकृत है। लेकिन कुलरिया परिवार का कहना है कि हम मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि अस्पताल में आमजन को मिलने वाली सुविधाओं को देखते हुए सीएचसी में क्रमोन्नत किया जाए। ताकि जनरल सर्जन, पीडियाट्रिशियन (बच्चों का डॉक्टर), महिला एवं प्रसूता रोग विशेषज्ञ, ऑर्थोपेडिक (हड्डी रोग विशेषज्ञ) जैसे 6 विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम उपलब्ध हो सके।
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