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NEET पेपर लीक मामले में CBI ने गुरुवार को रॉकी उर्फ राकेश को गिरफ्तार किया। CBI के सूत्रों के मुताबिक, रॉकी ने ही नीट का पेपर लीक होने के बाद उसे हल कराकर एक आरोपी चिंटू के मोबाइल पर भेजा था।
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केंद्रीय जांच एजेंसी ने सुबह इसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट ने CBI को रॉकी की 10 दिन की रिमांड दी है। इसकी गिरफ्तारी कहां से कब हुई, इसकी जानकारी जांच एजेंसी ने अब तक नहीं दी है। नीट पेपर लीक मामले में अब तक 11 आरोपियों की गिरफ्तार हो चुकी है।
पेपर लीक के बाद से फरार था रॉकी
पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद से ही रॉकी फरार चल रहा था। इसकी तलाश में पहले पटना पुलिस, फिर आर्थिक अपराध इकाई और बाद में केस CBI को ट्रांसफर होने के बाद से इनकी टीम जुटी थी। रॉकी नालंदा जिले के हिलसा के गजेंद्रबीघा गांव का रहने वाला है। उसका असली नाम राकेश है। पिछले कुछ सालों से वह झारखंड की राजधानी रांची में रहकर रेस्टोरेंट चलाता है।
इस मामले में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल को सीबीआई कर चुकी है अरेस्ट।
रॉकी मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का है खास
बिहार में पेपर लीक का मुख्य सरगना संजीव मुखिया है। यह नालंदा जिले के नगरनौसा का रहने वाला और मामला सामने आने के बाद से ही फरार है। माना जाता है कि गिरफ्तार रॉकी फरार संजीव मुखिया का बेहद खास है। इसके पकड़े जाने से जांच एजेंसी को फरार संजीव मुखिया के बारे में भी ठोस क्लू मिलने की संभावना बढ़ गई है। वैसे सरगना की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी चल रही है। मंगलवार को भी इस मामले में CBI की टीम ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें गया के रंजीत कुमार और नालंदा का सन्नी कुमार शामिल है। बुधवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था। वहां से 6 दिनों की रिमांड पर दोनों को पूछताछ के लिए CBI के हवाले कर दिया गया था।
अब तक CBI की गिरफ्त में 11 आरोपी
- 11 जुलाई को CBI ने नीट मामले में फरार चल रहे आरोपी रॉकी को गिरफ्तार किया है।
- 9 जुलाई को पटना से 2 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
- 28 जून को झारखंड के हजारीबाग से CBI ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और पत्रकार जमालुद्दीन शामिल हैं।
- 27 जून को पटना से एजेंसी ने 2 लोगों को अरेस्ट किया था।
- 25 जून को CBI की टीम ने धनबाद से अमन को गिरफ्तार किया था।
- इससे पहले झारखंड के देवघर से चिंटू और मुकेश को गिरफ्तार किया था।
CBI ने 4 आरोपियों से पूछताछ की
CBI की टीम ने पिछले दिनों 4 मुख्य आरोपियों चिंटू, मुकेश, मनीष और आशुतोष को 7 दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की। बताया जा रहा है कि रॉकी ने ही नीट का पेपर लीक होने के बाद उसे हल कराकर चिंटू के मोबाइल पर भेजा था।
अवधेश ने सिकंदर को दिए थे दो ब्लैंक चेक
जांच में एक बात जो सामने आई है कि रांची के कांके अरसंडे के रहने वाले अवधेश कुमार ने अपने बेटे अभिषेक के लिए सिकंदर को दो ब्लैंक चेक दिए थे। ऐसा नहीं है कि अवधेश सिकंदर से साल 2024 की नीट के लिए पैसे दिए थे। दरअसल अवधेश का संपर्क सिकंदर से 2023 की नीट परीक्षा के दौरान हुआ था। पुराने संपर्क होने की वजह से सिकंदर ने 30 लाख में सौदा फाइनल किया था। तब अवधेश ने दो ब्लैंक चेक सिकंदर को दिए थे। लेकिन अभिषेक 2023 की नीट परीक्षा में फेल हो गया। जिसके बाद वहीं पैसा 2024 की परीक्षा के लिए ट्रांसफर हो गए।
नीट पेपर में झारखंड का कनेक्शन
नीट पेपर लीक मामले में झारखंड का बड़ा कनेक्शन सामने आ चुका है। इस मामले में सीबीआई की टीम हजारीबाग में बड़े पैमाने पर जांच कर चुकी है। जहां जांच एजेंसी ने परीक्षा केंद्र ओएसिस स्कूल, ब्लू डार्ट कूरियर का ऑफिस और एसबीआई की जांच की थी।
इस दौरान तीन दिनों तक टीम ने लगातार जांच और पूछताछ की थी। इस पूछताछ के बाद ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और पत्रकार जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया। ये वो लोग हैं, जिन्हें सीबीआई पेपर लीक का सीधा कनेक्शन मान रही है।
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जो सवाल-जवाब रटवाए गए, वही आए:NEET पेपरलीक में कैंडिडेट और सेटर्स के कबूलनामे; 40 लाख में हुई थी डील
नीट पेपर लीक मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। पटना से गिरफ्तार आरोपी छात्र आयुष के बाद अनुराग यादव, अभिषेक कुमार, शिवनंदन, एग्जाम सेटर का कबूलनामा सामने आया है। अनुराग ने पुलिस के सामने बयान देते हुए कहा है कि मैं नीट की परीक्षा की तैयारी कोटा में रहकर एक कोचिंग सेंटर से कर रहा था। मेरे फूफा सिकंदर प्रसाद यादवेंदु जो नगर परिषद दानापुर जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने मुझे वापस बुलाया। फूफा ने कहा परीक्षा में सेटिंग हो गई। एग्जाम से एक रात पहले मुझे सवाल-जवाब रटवाए गए। दूसरे दिन जब एग्जाम देने गया तो सभी प्रश्न सही-सही परीक्षा में मिल गए। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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