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दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले में अभियोजन पक्ष के दो गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को समन जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।
वहीं सुनवाई के बाद कोर्ट से निकलते वक्त जब एक मीडिया कर्मी ने बृजभूषण शरण सिंह से पूछा कि ‘कोर्ट ने आरोप तय करने के बाद केस की सुनवाई शुरू कर दी है, तो जो आरोप तय किए गए हैं उन्हें क्या आप ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे या मुकदमे का सामना करेंगे? तो जवाब में बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘कोर्ट की प्रक्रिया है, चल रही है। ऐसे ही केस चलेगा…प्रक्रिया होती है अदालत की। प्रक्रिया है, चल रही है, देखो आगे क्या होता है।’
इससे पहले 21 मई को दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा दायर एक आपराधिक मामले में यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए।
बृज भूषण ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) प्रियंका राजपूत के समक्ष खुद को निर्दोष बताया और सुनवाई की मांग की। बृज भूषण ने कहा, ‘जब मैं दोषी नहीं हूं तो मैं दोष स्वीकार क्यों करूंगा?’ अदालत ने मामले में सह आरोपी और WFI के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आपराधिक धमकी का आरोप तय किया।
दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354, 354A, 354D (पीछा करना) और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
इसके अलावा उत्पीड़न से जुड़े एक अन्य मामले में दिल्ली की एक अदालत 27 जुलाई को अपना आदेश सुना सकती है कि बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज शिकायत को रद्द करने के अनुरोध वाली पुलिस की रिपोर्ट स्वीकार की जाए या नहीं।
पिछले साल एक अगस्त को चैंबर में हुई सुनवाई के दौरान नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और उसने जो ‘क्लोजर रिपोर्ट’ (मामले को बंद करने की रिपोर्ट) पेश की है, उसका वह विरोध नहीं करती है।
दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को लड़की से जुड़े मामले को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दायर की, जब उसके पिता ने जांच के बीच में एक चौंकाने वाला दावा किया कि उसने अपनी बेटी के साथ कथित अन्याय का बदला लेने के लिए बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाए थे।
पुलिस ने बृज भूषण के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला हटाने की सिफारिश की थी लेकिन छह महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर एक अलग मामला दर्ज कर उन पर यौन उत्पीड़न और पीछा करने का आरोप लगाया था।
(भाषा इनपुट के साथ)
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