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नोट— पूर्व में जारी खबर… ‘सीबीआई संबंधी बंगाल की याचिका पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट के स्थान पर इसे लें।
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– ममता को राहत, सीबीआई पर केंद्र का नियंत्रण न होने का दावा खारिज
– केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ Ḥबंगाल सरकार की याचिका विचार योग्य पाया
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की एक याचिका पर विचार करने की केंद्र की आपत्ति को खारिज कर दिया। सीबीआई जांच के खिलाफ दायर इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वैधानिक योजना के अनुसार यह जांच एजेंसी केंद्र सरकार के अधीन है।
पश्चिम बंगाल में सहमति वापस लिए जाने के बाद भी जारी सीबीआई की जांच के विरोध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर विचार के खिलाफ केंद्र की आपत्ति दायर की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से दलील दी गई थी कि सीबीआई पर केंद्र सरकार का कोई अधीक्षण या नियंत्रण नहीं है। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 के एक प्रावधान के अनुसार भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत अपराधों के लिए मामलों को लेकर नियंत्रण केंद्रीय सतर्कता आयोग के पास है। न्यायालय ने डीएसपीई कानून के अनेक प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि हम यह भी पाता है कि स्थापना, शक्तियों का प्रयोग, अधिकार क्षेत्र का विस्तार, डीएसपीई का नियंत्रण, सब कुछ भारत सरकार के पास है।
आगे बढ़ेगा राज्य सरकार का मुकदमा
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने व्यवस्था दी थी कि राज्य सरकार का मुकदमा विचार करने योग्य है। मुकदमा अपने गुण-दोष के आधार पर कानून के अनुसार आगे बढ़ेगा। कहा कि हमारे विचार से सीबीआई एक शाखा या अंग है जिसकी स्थापना डीएसपीई कानून द्वारा लागू वैधानिक योजना के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा की गई और वह भारत सरकार के अधीन है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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