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जालोर में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत ग्राम पंचायत, नगर परिषद व नगरपालिका द्वारा प्रथम चरण के सत्यापन के बाद प्राप्त आवेदनों के पुनरीक्षण एवं अनुशंसा के लिए जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई।
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बैठक में जिला कलक्टर पूजा पार्थ सहित कमेटी के सदस्यों द्वारा पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत द्वितीय स्तर से प्राप्त सभी 82 आवेदन पत्रों को तृतीय स्तर पर भेजने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। जिला कलक्टर पूजा पार्थ ने पीएम विश्वकर्मा योजना दर्जी श्रेणी के प्राप्त 7656 आवेदन एवं राजमिस्त्री के 544 आवेदनों में शत-प्रतिशत सत्यापन के लिए पुनः ग्राम पंचायतों को भिजवाने के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर ने कहा- सत्यापन के दौरान ग्राम पंचायत यह पुष्टि करें कि कारीगर ने पारंपरिक रूप से व्यापार करने वाले किसी परिवार के सदस्य (दर्जी या राजमिस्त्री) या ‘‘गुरू-शिष्य परंपरा’’ के तहत कौशल प्राप्त किया है।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत वे आवेदक जो पारंपरिक रूप से व्यापार नहीं करते हैं। जिन्होंने प्रशिक्षण केन्द्रों से सिलाई व राजमिस्त्री का काम सीखा है, वे पात्र नहीं होंगे तथा राजमिस्त्री श्रेणी के अंतर्गत केवल कुशल राजमिस्त्री ही पात्र होंगे।
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबंधक संग्रामराम देवासी ने विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया- पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 प्रकार के व्यापार व कामगार शामिल हैं। योजना में प्रथम चरण से कुल 82 आवेदन द्वितीय स्तर से प्राप्त हुए जिनमें 11 नाई, 2 बास्केट निर्माता, 12 लौहा/धातु आधारित, 22 लकड़ी का कार्य करने वाले, 2 जूती बनाने वाले, 1 खिलौना निर्माता, 3 मालाकार, 6 सुनार, 4 टूलकिट निर्माता, 1 तोले बनाने वाले, 13 कुम्हार, 3 मूर्तिकार व 2 अस्तकार श्रेणी के आवेदन प्राप्त हुए हैं।
इन सभी आवेदन पत्रों को कमेटी द्वारा तृतीय स्तर पर भेजने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
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