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झारखंड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के सचिव संदीप तिवारी ने मंत्री इरफान अंसारी से मुलाकात की। उन्होंने राज्यों के पंचायती राज विभाग में केंद्रीय योजना के संचालन में गड़बड़ी की शिकायत की है। उन्होंने कहा, राज्य के पंचायती राज विभाग ने पिछले वर्ष निविदा निकाली थी, परन्तु विभाग के अधिकारीयों ने कुछ एजेंसियों के साथ तालमेल कर निविदा में गड़बड़ी की है।
झारखंड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन कील तरफ से इसकी शिकायत करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले को पहले भी उठाया गया है। विभाग ने निविदा रद्द कर कुछ दिनों के बाद पुनः निविदा प्रकाशित किया परन्तु विभागीय अधिकारियों का कुछ एजेंसियों के साथ तालमेल बन गया है कि उनके लिए सभी नियम कानून ताक पर रखकर कुछ भी निर्णय करने को तैयार रहते हैं। संदीप तिवारी ने बताया की निविदा में कुल तीन एजेंसियों के चयन की बात लिखी गई है परन्तु पांच एजेंसियों का चयन किया गया है।
इस पांच एजेंसियों में एक एजेंसी ऐसी है जो योग्य ही नहीं है। अधिकारियों की मेहरबानी से एजेंसी काम कर रही है। इस काम के लिए अधिकारियों को पैसे दिए जा रहे हैं। राज्य के 264 प्रखंड में से 80 से ज्यादा प्रखंड आवंटित किया गया है। नियमतः पांच एजेंसियों के बीच बंटवारा करने पर सभी एजेंसियों को लगभग 52 प्रखंड आवंटित होने चाहिए थे। इससे भी बड़ी गड़बड़ी यह है कि अन्य तीन एजेंसियों को उनके मन मुताबिक क्षेत्र आवंटित किया गया है जबकि सिर्फ एक एजेंसी को 264 में से मात्र 27 प्रखंड आवंटित किये गए हैं। विभाग द्वारा किया गया क्षेत्र का बटवारा अपने आप में गरबड़ी की पूरी कहानी बयां कर रहा है।
संदीप तिवारी ने बताया की एसोसिएशन इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहा है। मंत्री डॉ इरफ़ान से मांग की है कि न्यायसंगत निर्णय कर सभी एजेंसियों को बराबर का हक़ का फैसला लें। अगर जिलों की बात की जाये तो जहाँ एक ओर सभी चार एजेंसियों को पांच- पांच जिले आवंटित किया गए हैं वहीं एक एजेंसी को जिसे सबसे कम प्रखंड मिले हैं उन्हें जिले भी मात्र चार आवंटित किये गए हैं।
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