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surgery
– फोटो : अमर उजाला
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आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए जारी नई गाइडलाइन मरीजों पर भारी पड़ रही है। अब सर्जरी के दौरान मरीजों के अंगों की फोटो चेहरे के साथ अपलोड करनी है, जिससे उनकी निजता प्रभावित हो रही है। जानकार भी इसे मरीजों के निजता के अधिकार का हनन बता रहे हैं।
योजना के लाभार्थी को इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक सालाना बीमा मिलता है। इसमें भर्ती मरीजों की जांच से लेकर ऑपरेशन का खर्च शामिल होता है। एजेंसी के माध्यम से सरकार इलाज का खर्च उठाती है।
कई निजी अस्पतालों ने मरीजों को फर्जी तरीके से आईसीयू में भर्ती दिखाया तो फर्जी ऑपरेशन भी दिखाकर मोटा रुपया वसूला गया। इसे देखते हुए मरीज के भर्ती के रहने के दौरान रोजाना जियो टैगिंग के साथ फोटो अपलोड करने को कहा गया।
नई गाइडलाइन में ऑपरेशन के समय मरीज का फोटो पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा गया है। शर्त यह है कि मरीज के अंग तथा उसके चेहरे का फोटो होना चाहिए।
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