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Lucknow University
– फोटो : Lucknow University वेबसाइट से
विस्तार
लखनऊ विश्वविद्यालय में मंगलवार को कार्यपरिषद की बैठक हुई। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सहयुक्तता से संबंधित प्रकरणों को निस्तारित किया गया। कार्यपरिषद में लखनऊ, रायबरेली और सीतापुर में खुले नौ नए स्ववित्तपोषित कॉलेजों को मान्यता दी गई।
प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यपरिषद की बैठक में संबद्ध जिलों रायबरेली, सीतापुर और लखनऊ में नौ नए स्ववित्तपोषित कॉलेजों में पढ़ाई को मंजूरी दे दी गई है। नए मान्यता पाने वाले कॉलेजों में पांच विधि महाविद्यालय और चार सामान्य पाठ्यक्रम वाले कॉलेज हैं। विधि महाविद्यालयों के तौर पर मंजूरी पाने वाले कॉलेजों में टेक्नो कॉलेज ऑफ लॉ लखनऊ में विधि तीन वर्षीय पाठ्यक्रम को मंजूरी दी गई है। वहीं आईएमआरटी लॉ कॉलेज लखनऊ को विधि पांच वर्षीय कोर्स, चरक कॉलेज ऑफ लॉ लखनऊ को विधि तीन वर्षीय पाठ्यक्रम और विधि पांच वर्षीय कोर्स को मंजूरी दी गई है।
वेदांता लॉ कॉलेज लखनऊ में विधि तीन वर्षीय पाठ्यक्रम और विधि पांच वर्षीय कोर्स, सेंट्रल लॉ कॉलेज लखनऊ में विधि तीन वर्षीय पाठ्यक्रम और विधि पांच वर्षीय कोर्स, वासुदेव लॉ कॉलेज अमराई गांव इंदिरानगर में विधि तीन वर्षीय पाठ्यक्रम शामिल हैं। इसी तरह से सामान्य पाठ्यक्रमों में मान्यता पाने वालों में रायबरेली के राजाराम चेतना डिग्री कॉलेज को बीए व बीएससी, सीतापुर के आचार्य रामचंद्र महाविद्यालय को बीएससी कृषि और लखनऊ के यूबीएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट को बीए पाठ्यक्रम के लिए मान्यता दी गई है।
59 कॉलेजों में 52 कोर्सों को स्थायी सहयुक्तता
कार्यपरिषद की बैठक में सभी संबद्ध जिलों में 59 महाविद्यालयों में 52 कोर्सों को स्थायी सहयुक्तता भी दी गई है। जिन कोर्सों को मान्यता दी गई है, उसमें बीए के लिए आठ, बीएससी के लिए 10, बीकॉम के लिए एक, बीएससी कृषि के लिए एक, बीबीए के लिए एक और बीसीए के लिए दो कॉलेज शामिल हैं। वहीं परास्नातक कोर्सों के स्तर पर एमए के लिए 20, एमएससी के लिए 11, एमएससी कृषि के लिए तीन और एमकॉम के लिए दो कॉलेज शामिल हैं।
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