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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी ‘यात्रा’ को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान रद्द हुई उड़ानों की बुकिंग का पैसा लौटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सीसीपीए ने 27 जून के इस आदेश में ‘यात्रा’ को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर पांच समर्पित सीटें स्थापित करने का निर्देश दिया, ताकि शेष यात्रियों से उनके लंबित रिफंड के बारे में संपर्क किया जा सके। इस व्यवस्था पर आने वाले खर्च को खुद कंपनी ही वहन करेगी।
यह कार्रवाई 2020 के उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के बाद की गई है, जिसमें लॉकडाउन अवधि के दौरान बुक किए गए हवाई टिकट के लिए तत्काल रिफंड अनिवार्य कर दिया गया था।
रद्द किए गए हवाई टिकट के पैसे न लौटाए जाने के संबंध में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के माध्यम से कई शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। इसके बाद सीसीपीए ने यात्रा के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की। जुलाई, 2021 से जून, 2024 तक सीसीपीए ने इन मुद्दों के समाधान के लिए कई सुनवाई की।
लगभग 87 फीसदी रकम लौटा चुकी कंपनी
मंत्रालय ने बयान में कहा, इन प्रयासों का नतीजा निकला कि लंबित रिफंड बुकिंग की कुल संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। कंपनी ने उपभोक्ताओं को लौटाई जाने वाली कुल राशि का लगभग 87 प्रतिशत वापस कर दिया है और शेष 13 प्रतिशत भी वापस करने का प्रयास करेगी। सीसीपीए ने 22 एयरलाइन कंपनियों को ‘यात्रा’ मंच के जरिये 98 लंबित बुकिंग के लिए 31.79 लाख रुपये वापस करने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने कहा कि मेकमाईट्रिप और क्लियरट्रिप सहित अन्य प्रमुख यात्रा मंचों ने सभी कोविड-19 से संबंधित रिफंड पूरे कर लिए हैं।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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