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पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा की सीबीआई जांच के लिए आंदोलन कर रहे हैं उम्मीदवार
पहले आवेदन, फिर एग्जामिनेशन और फिर रिजल्ट के बाद नियुक्ति का इंतजार कर रहे झारखंड के पीजीटी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा पास उम्मीदवार अब सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कि, एक साल पहले झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से निकाली गई 3120 पीजीटी शिक
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परीक्षा पास कर चुके हजारों उम्मीदवार इस बात का दावा करते हैं कि इस परीक्षा परिणाम में सेलेक्टेड सेंटर से विभिन्न विषयों में अधिकांश उम्मीदवार पास कर चुके हैं। उनसे पैसे लेकर परीक्षा एजेंसी ने लाभ पहुंचाया है। ऐसे में अब उम्मीदवारों का कहना है कि अब नियुक्ति पत्र से पहले इस परीक्षा की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
जेएसएससी ने उसी एजेंसी को परीक्षा की जिम्मेदारी दी, जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
पहले जानिए, विवाद में क्यों आयी परीक्षा
दरअसल झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने एक साल पहले 3120 पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकाला था। यह विज्ञापन 11 विभिन्न विषयों के लिए था। इस विज्ञापन के आधार पर जिन्होंने आवेदन किया था। उनकी कंप्यूटर बेस्ड एग्जामिनेशन लिया गया। जून महीने में जब फाइनल मेरिट लिस्ट जारी हुआ तो उसमें कई ऑनलाइन सेंटर ऐसे थे, जहां से अधिकांश उम्मीदवार परीक्षा पास कर गए। इसके बाद विवाद शुरू हुआ। लगभग 25 दिनों से परीक्षा पास कर चुके उम्मीदवार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
आंदोलन कर रहे उम्मीदवार राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, तत्कालीन सीएम चंपाई सोरेन, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी से लेकर स्थानीय विधायकों तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं। पर उन्हें परिणाम की जगह आश्वासन ही मिला है। पीजीटी शिक्षक नियुक्ति में धांधली का मुद्दा विधानसभा के विशेष सत्र में भी उठाया गया है।
उम्मीदवारों के क्या है आरोप
- आयोग की ओर से जारी फाइनल मेरिट लिस्ट के आंकड़े बताते हैं कि श्रेया डिजिटल बोकारो से 513 उम्मीदवार सफल हुए हैं। इस सेंटर का कोड 102 है। कुछ रिजल्ट में इस सेंटर की हिस्सेदारी 14.21 प्रतिशत है। रांची के फ्यूचर ब्राइट सेंटर और शिवा इन्फोटेक सेंटर से क्रमश: 254 और 279 उम्मीदवार पास किए हैं। पूरे रिजल्ट में इन दोनों सेंटर का रिजल्ट परसेंटेज 7.53 और 7.73 प्रतिशत है।
- छात्रों का आरोप है कि परीक्षा लेने की जिम्मेदारी जिस सतवत इंफोसोल एजेंसी को दी गई थी वह पहले ही सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी करने के आरोप में जांच के दायरे में है। वह पहले ही ब्लैक लिस्टेट रही हैं।
- उम्मीदवार यह भी आरोप लगाते हैं कि जिन उम्मीदवारों के नाम रिजल्ट लिस्ट में आए हैं। चार विषयों (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और ज्योग्राफी ) के जिन उम्मीदवारों को नौकरी मिली है, उनसे 18 से 20 लाख रुपए तक लिए गए हैं।
- यह परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड ली गई थी। ऐसे में बड़े पैमाने पर कंप्यूटर को हैक करके उम्मीदवारों को सवालों के जवाब बताए गए। उम्मीदवार ही बताते हैं कि मैथ्स के पेपर में 150 में से कुल 26 सवाल ऐसे थे जो गलत थे। इसके बाद भी उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए हैं।
आंदोलन के कई तरीके अपना कर बात रख चुके हैं उम्मीदवार
आंदोलन, इंतजार और आश्वासन
परीक्षा प्रक्रिया और इसमें हुई धांधली को लेकर उम्मीदवार श्वेता प्रधान, भास्कर कुमार, तरुण मुंडा, लाल मोहन महतो बताते हैं कि परीक्षा में हुई तमाम गड़बड़ियों के साक्ष्य देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। आंदोलन से लेकर पुतला दहन तक उम्मीदवार कर चुके हैं।
वे बताते हैं कि इस विज्ञापन के जरिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और ज्योग्राफी विषय के 700 शिक्षकों की नियुक्ति भी हो गई है। इन्हीं विषयों में जो पद रिक्त रह गए हैं, वे भी आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन 20 दिनों से अधिक समय से आंदोलन किए जाने के बाद भी इंतजार और आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
पीजीटी शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन को जानिए
रेगुलर नियुक्ति से रिक्तियां
विषय : रिक्तियां
- बायोलॉजी : 218
- केमिस्ट्री : 227
- ज्योग्राफी : 164
- हिंदी : 163
- इकोनोमिक्स : 167
- इतिहास : 182
- संस्कृत : 169
- फिजिक्स : 251
- गणित : 185
- कॉमर्स : 200
- अंग्रेजी : 211
टीजीटी शिक्षक के लिए आरक्षित सीटें
- बायोलॉजी : 73
- केमिस्ट्री : 75
- ज्योग्राफी : 54
- हिंदी : 54
- इकोनोमिक्स : 55
- इतिहास : 61
- संस्कृत : 58
- फिजिक्स : 85
- गणित : 63
- कॉमर्स : 67
- अंग्रेजी : 73
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