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श्वेता तिवारी ने ‘गलाटा इंडिया’ से बात करते हुए कहा, ‘जब आपको पहली बार धोखा मिलता है, तो यह आपको बहुत परेशान करता है. आप रोते हैं, आपको लगता है, ‘भगवान, मेरे साथ ही क्यों?’ आप इसे ठीक करने की कोशिश करते हैं, आप इसे ठीक करने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं. दूसरी बार जब ऐसा होता है, तो आपको एहसास होगा कि यह कभी भी दुख देना बंद नहीं करेगा, यह ऐसे ही चलता रहेगा. जब तीसरी बार आपको धोखा मिलता है, तो यह आपको दुख देना बंद कर देता है.इसका आप पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. अब जब कोई मुझे धोखा देता है, जब कोई मुझे दुख पहुंचाता है, तो मैं उनसे इसकी शिकायत नहीं करती. मैं बस खुद को अलग कर लेती हूं. मुझे दुख पहुंचाना उनके व्यक्तित्व में है और अब यह मेरे व्यक्तित्व में है कि मैं दुखी न होऊं.’ (फोटो: श्वेता तिवारी/इंस्टाग्राम)
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