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-भीड़ प्रबंधन का पर्याप्त इंतजाम न करने के लिए अधिकारी दोषी
लखनऊ, विशेष संवाददाता। एडीजी जोन आगरा अनुपमा कुलश्रेष्ठ और कमिश्नर अलीगढ़ चैत्रा बी की दो सदस्यीय कमेटी ने हाथरस सत्संग हादसे की जांच रिपोर्ट शासन के गृह विभाग को सौंप दी है। रिपोर्ट के परीक्षण के बाद दोषी पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है। रिपोर्ट में भीड़ प्रबंधन का पर्याप्त इंतजाम न होने के लिए स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार बताया गया है।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। रिपोर्ट को अभी पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है। एडीजी जोन ने भी रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार किया। दो सदस्यीय जांच टीम ने लगभग 150 अधिकारियों, कर्मचारियों और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए हैं। मुख्यमंत्री ने सत्संग हादसे के बाद टीम गठित करते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। हालांकि टीम ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए छठें दिन अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी। टीम ने एसडीएम द्वारा डीएम को भेजी गई रिपोर्ट, आयोजकों को दी गई अनुमति और उसमें लगाई गई शर्तों के अनुपालन की भी जांच की।
सूत्रों के अनुसार जांच टीम ने आयोजकों को दोषी ठहराया है। टीम ने पाया कि सत्संग में उमड़ी भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे। स्थानीय प्रशासन ने भी सत्संग में बढ़ती भीड़ को लेकर उदासीन रवैया अपनाए रखा। उल्लेखनीय है कि हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र में गत दो जुलाई को सूरजपाल सिंह उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा का सत्संग समाप्त होने के बाद हादसा हुआ था, जिसमें 123 लोग मारे गए। जांच में पता चला कि बाबा की चरण रज लेने के लिए भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। पुलिस ने बाबा के मुख्य सेवादार समेत आयोजन से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तारक किया है।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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