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भीपुर गांव में बारिश के पानी से हुई तबाही के बाद अभी भी लोगों की दिनचर्या पटरी पर नहीं लौटी है।
डिग्गी मालपुरा तहसील क्षेत्र की धौली पंचायत के भीपुर गांव में गुरुवार रात आई बरसात तबाही के निशान ऐसे छोड़ गई कि गांव वालों के खाने के लाले पड़ गए हैं। किसी के ओढ़ने, पहनने के कपड़े तो किसी के खाने का अनाज पानी के तेज बहाव में बह गए। बस इन लोगों के पास ब
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जिला परिषद की कार्यकारी अधिकारी प्रतिष्ठा पिलानिया भी आज गांव में पहुंचकर खराबे का जायजा लिया। लोगों दुख दर्द सुने।
दो दिन पहले तहसीलदार गए, मदद का आश्वासन दिया, लेकिन अब ये लोग अपनी पीड़ा प्रशासन को किस भाषा में समझाए कि उन्हें दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो जाए। इनके भूखे पेट पर पड़ी सलवटें आश्वासन से नहीं, खाना खाने से दूर होंगी। हालांकि शुक्रवार को 40 पैकेट खाद्य सामग्री के बांटने की बात कही है, लेकिन आलम यह है करीब ढाई सो घरों के इस छोटे से गांव में 40 घर बरसात के पानी के बहाव में ढह गए। सो घरों को काफी नुकसान हुआ है। करीब सौ बचे उन मकानों ये बेघर हुए लोग पनाह लिए हुए हैं। इनमें से भी 25-30 प्रतिशत बेघर हुए परिवार अपने रिश्तेदारों के चले गए। शेष बचे पीड़ित परिवार पेट भरण के लिए पानी में बहे अनाज मे से कुछ बच्चे अनाज को एकत्रित कर उसे जैसे तैसे फीसकर कच्ची- पक्की रोटियां सेक कर खा रहे है।
अभी भी कुछ घरों में पानी भरा है कंप्यूटर भी उसमे भीगकर खराब हो गया।
रातीजगा कार्यक्रम से बच गई जाने
ग्रामीण गणेश नारायण, किशन, भवानी सिंह, अर्जुन गुर्जर आदि ने बताया कि गुरुवार रात को चौदस होने के कारण कई घरों में राती जगा का कार्यक्रम था। कार्यक्रमों को लेकर ग्रामीण जागे हुए थे। गुरुवार रात 11 बजे से शुरू हुई बरसात सुबह 5 बजे तक नहीं रुकी। रात 2:30 बजे बाद घरों की ओर पानी आना शुरू हो गया जो कि सैलाब के रूप में सुबह 4 बजे तक तबाही मचाना शुरु कर दिया। तेज बहाव के साथ गांव के अंदर घुसा पानी घरों, मकानों में घुस गया। धीरे-धीरे लोग डरने लगे। करीब दो फ़ीट पानी घरों में भर गया। कच्चे घर एक-एक करके भरभरा कर ढहने लगे। लोग जान बचाकर निकले।
स्टेट हाइवे के ठेकेदार ने पानी का बहाव गांव की ओर किया
ग्रामीण नंदाकुमार, मांगीलाल ने बताया कि नुक्कड़ से सोहेला स्टेट हाईवे बनाया गया है। उस पर ठेकेदार ने अनावश्यक रूप से पानी के बहाव की दिशा गांव भीपुर की ओर कर दी। इससे पानी ज्यादा आ गया। टूटे हुए मकानों को देखकर ग्रामीणों को बार-बार रोना आ रहा है। ग्रामीणों की आंखों से पीड़ा के आंसू निकल रहे हैं। 30 प्रतिशत लोग तो गांव छोड़कर अपने रिश्तेदारों के पास चले।
शादी के जेवर भी बह गए
नारायण प्रजापत ने बताया कि घर में रखा शादी में आया 2 तोला सोना, एक किलो चांदी सहित दहेज का सामान नहीं मिल है। इसी तरह नंदलाल प्रजापत के करीब ढाई लाख रुपए के गहने और दहेज के सामान का नुकसान हुआ। भीपुर गांव के एक और ग्रामीण मांगीलाल ने बताया कि उसके घर में रखी गेहूं की बोरियां भी बेकार हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि तेज बहाव के कारण गाय, भैंस, बकरियां पानी के तेज बहाव में बह गई। ग्रामीण हरि सिंह तंवर, बाबू सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह बड़वा ,अभिमन्यु पुत्र मान सिंह बड़वा, रतन सिंह पुत्र नारायण सिंह, गणेश गुर्जर ने बताया कि आसमान से टूटी आपात एवं राज की तरफ से किसी भी प्रकार की सहायता न मिलाना उनके लिए तो मानो ऐसा लगा रहा है जैसे राम और राज दोनों ही रूठे हुए हैं।
हालांकि ग्रामीण पटवारी हरिओम सिंह शेखावत से संतुष्ट नजर आए, उन्होंने बताया कि पटवारी जब से बाढ का पानी उनके गांव में घुसना शुरू हुआ था तब से पटवारी ने पूरी मेहनत करके पानी को निकलवाने के साथ-साथ ही ग्रामीणों को घरों से बाहर निकाल कर अन्य जगह स्थनांतरित करने की पूरी सहायता की है। तहसीलदार राहुल पारीक गांव में आए थे, जिन्होंने ग्राम वासियों से पूछताछ की और वापस चले गए। हालांकि उन्हें अब तक किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली है।
लोगों का पानी के तेज बहाव में अनाज तक भी बह गया।
बेघर हुए लोगों को आवास दिलाने के प्रयास करेंगे
सोमवार को नायब तहसीलदार डिग्गी सूरज बैरवा एवं पटवारी हरिओम सिंह शेखावत ने भीपुर गांव का दौरा कर ग्राम वासियों की स्थिति का जायजा लिया। नायब तहसीलदार सूरज बैरवा ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए बताया कि गुरुवार रात आई बरसात से भीपुर गांव में लगभग 40 मकान धराशाही हुए हैं। लगभग 100 मकानों के आसपास क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। पटवारी के द्वारा क्षतिग्रस्त मकान एवं धराशाई मकान की रिपोर्ट बनवाई जा रही है एवं बीपीएल आवास में पात्र व्यक्तियों को जिनके मकान धराशाही हुए उन्हें चयनित कर उनके मकान बनवाए जाएंगे एवं जो भी सरकारी सहायता होगी उपलब्ध कराई जाएगी। शुक्रवार को नायब तहसीलदार डिग्गी एवं पटवारी के द्वारा लगभग 40 खाद्य सामग्री के पैकेट जो की भामाशाहों के द्वारा बांटे गए।
फोटोग्राफ़ी के सामान बह गए: भीपुर निवासी राकेश गुर्जर ने बताया कि वह फोटोग्राफी का काम करता है जो फोटोग्राफी के सामान अपने घर पर रखे हुए थे। भारी बारिश के पानी के तेज बहाव के कारण उसको अपने जीवन यापन करने के सामान बाहर निकालने तक का मौका नहीं मिला।
इनपुट: राजकुमार पाराशर, डिग्गी
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