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नोट- इंट्रो के बाद पहली लाइन में मुख्या न्यायाधीश किया गया है।
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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि स्कूल में किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों के वितरण पर राष्ट्रीय नीति तैयार करने का काम अंतिम चरण में है।
मुख्या न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी की दलीलों का संज्ञान लिया। साथ ही संबंधित नीति तैयार करने के लिए दो माह का समय देने का अनुरोध स्वीकार कर लिया। शीर्ष अदालत कांग्रेस नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें उन्होंने केंद्र व राज्यों को छठी से 12वीं की छात्राओं को मुफ्त ‘सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने और सभी सरकारी व आवासीय विद्यालयों में अलग महिला शौचालय की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका में विद्यालयों में गरीब पृष्ठभूमि की किशोरियों के सामने आने वाली कठिनाइयों को उजागर किया गया है। इन मांगों पर पूर्व में कोर्ट ने केंद्र को मॉडल तैयार करने का निर्देश दिया था।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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