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फतेहाबाद में जल भराव पर एसडीएम को अपनी व्यथा बताते हुए किसान और खेतों में भरा पानी।
हरियाणा के फतेहाबाद में भारी बारिश के बाद फिर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पिछले साल जहां बाढ़ घग्घर नदी में पानी बढ़ने से आयी थी, वहीं इस बार दो-तीन दिन तक हुई मानसून की तेज बारिश के चलते खेतों में भारी जल भराव हुआ है। किसान इसके लिए प्रशासन को जिम्मेद
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फतेहाबाद में माजरा रोड से लेकर रतिया रोड तक चारों तरफ बारिश का पानी ही पानी नजर आता है। यह पिछले साल आई बाढ़ की त्रासदी याद करवा रहा है। काफी एकड़ जमीन में लगी धान की फसल पानी में डूब चुकी है, तो वहीं कई ढाणियां और ट्यूबवेल भी पानी की चपेट में हैं।
खेतों में जलभराव को लेकर प्रशासन को व्यथा बताने पहुंचे किसान।
इसको लेकर आज क्षेत्र के काफी किसान लघु सचिवालय पहुंचे और प्रशासन के अधिकारियों को अपनी व्यथा सुनाई। किसानों ने बताया कि एक तो दो-तीन दिन हुई बरसात के कारण और दूसरा इस क्षेत्र में बने एसटीपी में हुई लीकेज के चलते सारा पानी खेतों में आकर रुक गया है।
फतेहाबाद में माजरा से निकलते ही हर तरफ पानी भरा है।
किसानों ने बताया कि यहां एसटीपी पाइप लाइनों में लीकेज थी, जिसे प्रशासन ने समय रहते संभाला नहीं। जब बरसात आई तो शहर भर से सारा पानी चिल्ली झील में डालकर वहां से पाइपलाइन द्वारा एसटीपी तक लाया गया। यहां पर पाइपलाइन लीकेज होने के चलते पानी आगे जाने की बजाय खेतों में फैल गया और यहां से होते हुए वापस चिल्ली झील तक पहुंच गया है।
किसानों ने प्रशासन को मौके पर जाकर जायजा लेने की मांग उठाई और जलभराव से हुए नुकसान की भरपाई की मांग उठाई। किसानों की शिकायतें सुनने पहुंचे एडीसी राहुल मोदी ने किसानों को आश्वासन दिया, जिसके बाद किसान लौट गए। किसानों ने चेतावनी दी कि दो-तीन दिन में यदि मांगों पर गौर नहीं किया और पानी नहीं निकला तो बड़ा कदम उठाया जाएगा।
खेतों में भरा पानी पिछले साल आई बाढ़ की याद दिला रहा है।
बता दें कि पिछले वर्ष 10 जुलाई के आसपास जिले में घग्घर का जलस्तर बढना शुरू हो गया था और 12 जुलाई के आसपास पंजाब क्षेत्र में घग्घर टूटने और जाखल में ओवरफ्लो होने पर रतिया व जाखल क्षेत्र के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। अगले दो दिनों बाद रतिया, जाखल क्षेत्रों में कई जगहों से घग्घर और कई जगहों से रंगोई नाला टूटने से फतेहाबाद शहर तक बाढ़ पहुंच गई थी और डेढ़ महीने तक बाढ़ का पानी यहां इसी क्षेत्र में खड़ा रहा था।
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