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– कहा, मेरी कंपनी मेरी बेटी की तरह
नई दिल्ली, एजेंसी। पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने शनिवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई से मिली सीख के बारे में बात की। कहा कि पेशेवर स्तर पर उन्हें बेहतर करना चाहिए था, इसमें कोई छिपी बात नहीं है।
शर्मा ने स्वीकार किया कि यह व्यक्तिगत स्तर पर एक भावनात्मक झटका था, जबकि पेशेवर स्तर पर उन्हें जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभाने का सबक मिला। कहा कि हमारे ऊपर जिम्मेदारियां थीं, हमें उन्हें और बेहतर तरीके से निभाना चाहिए था। शर्मा से 7वें जेआईआईएफ स्थापना दिवस के मौके पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा कि एक संस्थापक के रूप में मेरी कंपनी मेरी बेटी की तरह है। यह ऐसा है जैसे स्कूल में टॉप करने वाली बेटी किसी प्रवेश परीक्षा के रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गई हो। यह एक ऐसा एहसास है जो थोड़ा व्यक्तिगत, भावनात्मक है।
सरकार स्टार्टअप को मुख्यधारा में लाई
शर्मा ने कहा कि सरकार ने स्टार्टअप को मुख्यधारा में लाकर उनके लिए सचमुच स्वर्ण काल की शुरुआत कर दी है। उन्होंने कहा कि यह उन दिनों के मुकाबले एक आश्चर्यजनक बदलाव है, जब स्टार्टअप को करियर की तरह अपनाने में सबसे निचले पायदान पर रखा जाता था। शर्मा ने कहा कि व्यापार व प्रौद्योगिकी की भाषा में अमेरिकी ड्रीम की जगह भारतीय ड्रीम और भारतीय स्टार्टअप ने ले ली है। यहां संस्थापकों व उद्यमियों के लिए यह वास्तव में स्वर्ण काल है।
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