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ग्वालियर से 15 किलोमीटर दूर ग्राम कुलैथ में भी भगवान जगन्नाथ विराजमान है। यहां भी उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी की तरह प्रत्येक वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की शुल्क पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। इस बार यह रथ यात
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पुरी में यह घोषणा की जाती है कि भगवान जगन्नाथ जी कुलैथ प्रस्थान कर चुके हैं। तब कुलैथ में बड़े धूम धाम और गाजे-बाजे के साथ रथ यात्रा निकाली जाती है। इस बार यात्रा में व्यवस्था बनाए रखने के लिए वैसे तो पूरा गांव है, लेकिन फिर भी 50 वॉलेंटियर काम करेंगे। एसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि मेले में 8 टीआई, 20 एसआई सहित 500 पुलिस एवं ट्रैफिक जवान व्यवस्था के लिए तैनात रहेंगे।
मंदिर के पुजारी किशोरीलाल और भानू श्रीवास्तव ने बताया कि भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा से पहले भगवान के सामने चावल के घट चढ़ाए जाएंगे, जो चार हिस्सों में बंट जाएंगे। उसके बाद यह प्रसाद श्रद्धालुओं में बांटा जाएगा। एक रथ में भगवान जगन्नाथ होंगे। दूसरी पालकी में बहन सुभद्रा और बलदाऊ जी विराजेंगे। यह रथयात्रा पूरे गांव में घूमेंगी। रथयात्रा शाम 6 बजे इसी दिन कुलैथ में ही स्थित देवी मंदिर जनकपुरी पहुंचेगी। जहां भगवान एक रात्रि आराम करेंगे। 8 जुलाई को घट चढ़ने के बाद रथयात्रा वापस मंदिर पहुंचेगी।
रथयात्रा 7 को निकलेगी, 8 को वापस मंदिर पहुंचेगी
पुजारी श्रीवास्तव ने बताया कि 30 जून से भगवान जगनाथजी के पट बंद हैं। इसलिए भक्त दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। तभी से भागवत कथा का आयोजन मंदिर परिसर में किया जा रहा है। भागवत कथा श्रीनिवास शास्त्री कर रहे हैं। परीक्षक किशोरी लाल श्रीवास्तव हैं। 6 जुलाई को सुबह 6 बजे भगवान के पट खुल खोले गए हैं। भागवत कथा जारी रहेगी। भक्त दर्शन करते रहेंगे। भागवत का हवन हुआ और शाम को भोग लगाया गया। रविवार 7 जुलाई को सुबह 10 बजे से भगवान का भंडारा चलेगा। शाम को 4 बजे से जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा शुरु होगी।
रथयात्रा के लिए तैयारी कर ली है, हमारी टीम लगी हुई है
घाटीगाँव जनपद पंचायत की सीईओ ऊषा शर्मा ने बताया कि जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा के रास्तों के गड्ढों में गिट्टी एवं मुरम डालकर समतल कर दिया है। बिजली के इंतजाम दुरुस्त किए हैं। हमारी टीम लगी हुई है।
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