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रेसीडेंसी एरिया के सालों से अनसर्वेड एरिया को दस्तावेजों में बांधने की प्रशासनिक तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। प्रशासन की दो साल से चल रही कवायद के बाद अब पूरे क्षेत्र का ड्रोन से और डोर-टू-डोर सर्वे पूरा हो चुका है। क्षेत्र का पूरा नक्शा तो तैयार हुआ
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रेसीडेंसी एरिया सर्वे के पहले तक दस्तावेजों में 1030 एकड़ का बताया जा रहा था। जब सर्वे किया तो पता चला कि अनसर्वेड एरिया 730 एकड़ ही है। पहले 5 सेक्टर में बांटकर जमीन का सर्वे कराया है। भूमि स्वामी संबंधी दस्तावेज एकत्रित किए गए हैं। अब इन्हें रिकॉर्ड पर चढ़ाने का काम हो रहा है। कौन सी प्रॉपर्टी किसके नाम से है, उसके दस्तावेज कितने सही हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। पहले प्रशासन ने पूरे रेसीडेंसी क्षेत्र में लोगों को नोटिस जारी कर दस्तावेज की मांग की थी।
रेसीडेंसी गांव के रूप में नाम दर्ज होगा
कई लोगों ने दस्तावेज नहीं दिए थे। आजाद नगर व शुक्ल नगर क्षेत्र सहित अन्य कुछ और एरिया हैं, जिनके दस्तावेज उपलब्ध नहीं हुए। पूरी प्रक्रिया के बाद जीआईएस पोर्टल पर रेसीडेंसी गांव के रूप में क्षेत्र का नाम दर्ज हो जाएगा। यहां रह रहे रहवासियों को न केवल जमीन का अधिकार मिलेगा, बल्कि ऐसे रहवासी जो दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सके हैं, उन्हें भी अधिकार दिलवाया जा सकेगा। प्रशासन ने उक्त जमीन को लेकर ऑफलाइन लिस्टिंग पूरी कर ली है। नाम दर्ज होने की प्रक्रिया के बाद एप पर प्रकरण दर्ज कर प्लॉट की लिस्टिंग की जाएगी।
जल्द ही मालिकाना संबंधी सूची जारी होगी
^जल्द ही दावे-आपत्ति के लिए प्रॉपर्टी और उनके मालिकाना संबंधी सूची सार्वजनिक की जाएगी। इसके बाद दावे-आपत्ति की सुनवाई कर उनका निराकरण किया जाएगा। जिन जमीनों के दस्तावेज नहीं मिले हैं, उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में लिया जाएगा।
-आशीष सिंह, कलेक्टर
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