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भोपाल के पटेल नगर स्थित इस्कॉन मंदिर में शुक्रवार को श्रील सच्चिदानंद भक्ति विनोद ठाकुर का 110 वां तिरोभाव महामहोत्सव मनाया गया। जहां कार्यक्रम का शुभारंभ उनके द्वारा लिखे गए भजन गाकर किया गया। इसके बाद मधुकंठ प्रभु ने भक्ति विनोद महिमा पर भावपूर्ण क
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बता दें कि भक्ति विनोद ठाकुर ब्रह्म-मध्व-गौडीय वैष्णव परंपरा के प्रमुख आचार्य रहे हैं। श्रीआनंद चन्द्र दत्त और श्री जगन्मोहिनी देवी को माता-पिता के रूप में अंगीकार करते हुए सन् 1838, 2 सितंबर रविवार की शुक्ल त्रयोदशी की शुभ तिथि को उलाग्राम (वीरनगर) बंगाल में इन्हें परम वैष्णव का आविर्भाव हुआ था। इनके माता पिता ने इनका नाम केदारनाथ रखा था । इन्होंने कई ग्रंथो को प्रकाशित किया। इनके गुरुदेव श्रील जगन्नाथदास बाबाजी महाराज थे। श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद इनके पुत्र थे, जो कि इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील ए सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के गुरु महाराज थे।
ठाकुर ने चैतन्य महाप्रभु की प्राकट्य स्थली खोजी थी। भक्तिविनोद ठाकुर ने कृष्ण भक्ति के प्रचार में अपने जीवन को झोंक दिया। वे अपने समय में मजिस्ट्रेट की पदवी पर थे। उनका तिरोभाव 1914 में हुआ था।
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