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फतेहाबाद के सेन समाज के कार्यक्रम में शिरकत करते गोविंद कांडा।
हरियाणा की राजनीति में विधानसभा चुनाव से पहले रोजाना नए समीकरण बन रहे हैं। अबकी बार कांडा बंधुओं ने राजनीति गरमा दी है। सिरसा शहरी से विधायक गोपाल कांडा के भाई फतेहाबाद विधानसभा से भाग्य आजमा सकते हैं। ऐसे में BJP के उन नेताओं को झटका लग सकता है जो द
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फतेहाबाद और सिरसा में इसकी पहले से ही चर्चाएं थी कि गोबिंद कांडा अबकी बार कहां से चुनाव लड़ेंगे। मगर फतेहाबाद में एक के बाद एक कार्यक्रमों में शिरकत कर उन्होंने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि वह फतेहाबाद से विधानसभा के रण में उतर सकते हैं।
खास बात यह रही कि फतेहाबाद में वह भाजपा विधायक दुड़ाराम के बजाय विधायक से बागी हुए नगर परिषद अध्यक्ष राजेंद्र खिची के साथ नजर आए। राजेंद्र खिची ने गोबिंद कांडा की मुलाकात फतेहाबाद के पार्षदों से करवाई। खिची गोबिंद कांडा के हर कार्यक्रम में उनके साथ रहे। खास बात यह रही कि नगर परिषद अध्यक्ष ने गोबिंद को भरोसा दिलाया है कि अगर वह चुनावी रण में उतरेंगे तो पार्षदों का पूरा समर्थन उनको मिलेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ गोपाल कांडा।
सिरसा से इसलिए बाहर निकले गोबिंद
दरअसल, रणजीत चौटाला और मीनू बैनीवाल की भाजपा में एंट्री से सिरसा जिले में गोबिंद के लिए स्थान नहीं बचा था। वह पहले रानियां विधानसभा से चुनाव लड़ते आ रहे थे। मगर रणजीत चौटाला की भाजपा में एंट्री से रानिया विधानसभा से वह दूर हो गए। इसके बाद भाजपा ने उनको ऐलानाबाद उपचुनाव में उतारा। अभय सिंह चौटाला को गोबिंद कांडा ने बराबरी की टक्कर दी मगर हार गए। इसके बाद भाजपा में मीनू बैनीवाल की एंट्री हो गई। मीनू बैनीवाल ऐलनाबाद से भाजपा के उम्मीदवार बन सकते हैं। ऐसे में गोबिंद के लिए कोई स्थान नहीं बचा। ऐसे में फतेहाबाद सीट ही ऐसी थी जहां गोबिंद अपनी किस्मत अजमां सकते थे।
विधायक दुड़ाराम बिश्नोई।
दुड़ाराम को एडजस्ट करना होगी चुनौती
वहीं गोबिंद कांडा की एंट्री फतेहाबाद में होने से सबसे ज्यादा घबराहट कुलदीप बिश्नोई के भाई दुड़ाराम को हो रही है। लोकसभा चुनाव में फतेहाबाद शहर में भाजपा की हार हुई। भाजपा को आस थी कि दुड़ाराम के होने से फतेहाबाद में मजबूती मिलेगी मगर ऐसा नहीं हुआ। फतेहाबाद से भाजपा 22,641 वोटों से पीछे रही। ऐसे में पार्टी बिश्नोई परिवार में से दुड़ाराम का टिकट काट सकती है। हालांकि दुड़ाराम का प्रभाव फतेहाबाद में बिश्नोई वोटरों पर है। भाजपा दुड़ाराम को नाराज कर बिश्नोई वोटरों की नाराजगी भी नहीं मोल नहीं चाहेगी। ऐसे में आने वाले दिनों में देखना होगा कि फतेहाबाद से किसको उम्मीदवार बनाया जाता है।
कांग्रेस की जीत में फतेहाबाद जिले के 1,07,384 वोटों का योगदान
सिरसा लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी कुमारी सैलजा की 2,68,497 मतों के भारी अंतर से जीत में फतेहाबाद जिले ने 1,07,384 वोटों का योगदान दिया था। जिले की 3 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे बड़ी जीत टोहाना से हुई है। यहां से कुमारी सैलजा को 48,411 वोटों की लीड मिली है। इसके अलावा दूसरे स्थान पर रतिया विधानसभा रही, यहां से कुमारी सैलजा ने 36,332 वोटों की लीड प्राप्त की है। वहीं, फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र से 22,641 वोटों की लीड सैलजा ने हासिल की है। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा को सिरसा संसदीय क्षेत्र में 7,33,823 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी डॉ. अशोक तंवर को 4,65,326 वोट प्राप्त हुए थे। भाजपा फतेहाबाद की तीनों विधानसभा में चेहरे बदल सकते हैं।
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