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हेड कॉन्स्टेबल का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।
बजरी माफिया की ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से जान गंवा बैठे हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया है। इस दौरान लोगों की आंखे नम हो गईं। लोगों ने खुशीराम अमर रहे के नारे लगाए। मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भी मौजू
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उधर, जैसे ही शाम करीब पौने छह बजे खुशी राम को पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो कोहराम मच गया। उसकी पत्नी समेत परिजन दहाड़े मार मार कर खूब रोये। हालांकि उन्हे पुलिस के अफसर समेत समाज के एकत्रित हुए लोग सांत्वना देते रहे।
हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा की पार्थिव देह जैसे पुलिस वाहन से उसके गांव देवली भांची लाया गया तो लोगों की आंखे नम हो गई। लोगों ने खुशीराम अमर रहे के नारे लगाए ।
ज्ञात रहे कि कोतवाली में तैनात हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा (35) पुत्र प्रभुलाल बैरवा और ड्राइवर जीतराम 112 वाहन (गश्त वाहन) लेकर मंगलवार शाम को सिंधी श्मशान मोड़ पर खड़े थे। शाम करीब 5.45 बजे बजरी से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली आती दिखाई दी।
पुलिस की गाड़ी के पास खड़े हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को रुकने का इशारा किया। ड्राइवर ने ट्रैक्टर-ट्रॉली रोकी नहीं और पुलिस जीप के साथ ही हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम को कुचल दिया। इसके बाद ड्राइवर ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर भाग गया।
बाद में ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से घायल हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम को लहूलुहान हालात में सआदत अस्पताल लाया गया। यहां उसकी हालात गंभीर होने पर उसे जयपुर रेफर किया गया जहां उसने देर रात साढ़े ग्यारह बजे दम तोड़ दिया। इसकी सूचना मिलने के बाद समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया। लोगों ने शव नहीं लिया और दूसरे दिन बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में आकर कलेक्टर को ज्ञापन दिया मांगे पूरी होने तक धरने पर बैठ गए। फिर कलेक्टर डॉक्टर सौम्या झा ने लोगों को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन की ओर से हर संभव पीड़ित परिवार को मदद की जाएगी। राज्य स्तर की मांगों के लिए उच्चा अधिकारियों पत्र भेज दिया है, लेकिन लोग नहीं माने। परिजन जयपुर अस्पताल की मोर्चरी में भी धरना देकर बैठ गए।
दोपहर तक लोग कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे रहे।
बुधवार शाम को फिर सब लोग घर चले गए । गुरुवार सुबह फिर करीब साढ़े दस बजे घंटाघर के पास मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए । फिर दोपहर करीब बारह बजे कलेक्ट्रेट पर आ गये और धरने पर बैठ गए । फिर जिला प्रशासन से वार्ता हुई। इस दौरान इस बात पर सहमति बनी कि अभी तो 15 दिन के लिए धरना स्थगित करते है। इन पंद्रह दिन में मांगे पूरी नहीं हुई तो फिर बड़ा आंदोलन करेंगे।
हेड कॉन्स्टेबल खुशीराम बैरवा की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई। उनके बड़े बेटे ने मुखाग्नी दी।
जिला प्रशासन से पीड़ित पक्ष की ओर से बात करने वाले प्राइवेट डॉक्टर चंद्रभान ने बताया कि अभी हेड कॉन्स्टेबल के अंतिम संस्कार आदि रस्मों को देखते हुए और मांगे पूरी होने में लगने वाले समय को देखते 15 दिन के लिए धरना स्थगित कर दिया। मांगे नहीं मानी तो फिर 15 दिन बाद बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भीम सेना जिलाध्यक्ष अशोक बैरवा ने बताया कि अभी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया जाएगा।
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