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कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने मीडिया से की बात।
हरियाणा के अंबाला पहुंची कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर तंज कसा।उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों से बात कर रही होती तो आज तक हल निकल गया होता।
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विधानसभा चुनावों की तैयारियां हुई शुरू
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने राहुल गांधी के हिंदुत्व वाले बयान को लेकर भी भाजपा को घेरते हुए कहा कि भाजपा ये सब बोलने से पहले अपने गिरबान में झांकना चाहिए। विधानसभा चुनाव को लेकर भी कुमारी सैलजा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई है। कयास लगाए जा रहे है कि अक्टूबर माह में हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो जाएंगे। जिसे लेकर कुमारी शैलजा ने कहा कि हमारी तैयारी जारी है। जिस तरह लोकसभा चुनाव में लोगों का सहयोग मिला, उससे उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में भी जनता उनको पूरा सहयोग देगी।
400 पार का दावा करने वाले 250 पर रह गए
सैलजा ने कहा की राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू हिंसक नहीं होता, हिंदू नफरत नहीं फैलाता। भाजपा स्वयं को हिंदू कहती है और फिर ऐसे काम करती है। बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करना भाजपा की पुरानी आदत है। अपनी गलतियां छुपाने के लिए भाजपा बात को तोड़ मरोड़ का पेश करती है। आप असलियत को देखें, 400 पार का दावा कर रहे थे। लेकिन मिला क्या 250 पर रह गए। पिछले कई महीनों से किसान आंदोलन के चलते हरियाणा पंजाब की सीमा पर लगते शंभू बॉर्डर बंद पड़ा है। जिसे खुलवाने की मांग लगातार जारी है। इस पर कुमारी शैलजा ने कहा कि भाजपा इस समस्या का हल करना नहीं चाहती। सरकार कोई बात नहीं कर रही अगर बात करती होती तो अब तक हल हो जाता।
बिना पहचान के काम कर रहे कांग्रेसी
लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने बिना संगठन के लड़ा था। आज भी कांग्रेस का अपना कोई संगठन नहीं है। जिसे लेकर कुमारी सैलजा ने कहा की संगठन होना जरूरी है, ये कमी पहले भी थी और आज भी है। हमें देखना चाहिए कि कांग्रेस कार्यकर्ता आज भी बिना पहचान के काम के रहा है। भाजपा जो अपना संगठन दिखाती है, वो धारा का धारा रह गया, जनता से जुड़ा होना जरूरी है और कांग्रेस का हर कार्यकर्ता जनता से जुड़ा हुआ है।
“हम चाहते हैं दोनों सदन ढंग से चलें”
एक प्रश्न के जवाब में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि नई लोकसभा बनी है हम चाहते हैं कि लोकसभा सुचारु रूप से चलनी चाहिए। सत्ता को विपक्ष का रोल समझना चाहिए ।सत्ता अपनी बात रखे, विपक्ष लोगों की आवाज उठाएगा। लेकिन ये न नेता प्रतिपक्ष की गरिमा रखते हैं, न बात की और न ही विपक्ष की जगह देना चाहते हैं। इस तरह से न तो संसदीय प्रणाली चल सकती है न देश का लोकतंत्र। जो ये चलाना चाहते हैं जनता कहती है की इन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं। हम चाहते हैं दोनों सदन ढंग से चलें, जनता के मुद्दे ऊपर आएं और लोगों की भलाई का काम हो।
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