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S Jaishankar in Kazakhstan: कजाकिस्तान में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए हैं. कजाकिस्तान में बुधवार को विदेश मंत्री ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर चिंता जाहिर की है. इस मसले को लेकर खुद विदेश मंत्री ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा, अस्ताना में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात हुई. मैंने उन भारतीय नागरिकों को लेकर उनसे चिंता व्यक्त की है जो वर्तमान में युद्ध क्षेत्र में फंसे हैं. उनके सुरक्षित और शीघ्र वापसी पर जोर दिया गया.’
कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि करीब 200 भारतीय नागरिकों की रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के तौर पर भर्ती किया गया था. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान कम से कम चार लोगों की मौत हो चुकी है. भारत इस मसले को लेकर पहले भी रूस के प्रति कड़ा रुख अपना चुका है. भारत ने कहा कि यह कदम भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों के अनुरूप नहीं है. विदेश मंत्रालय ने सीधे तौर पर भारत और रूस में मौजदू रूसी राजदूत के साथ इस मुद्दे को संबोधित किया है. साथ ही सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई की बात कही है.
8 जुलाई को रूस जा सकते हैं पीएम मोदी
करीब 30 भारतीय नागरिक स्वेदश लौटने के लिए मॉस्को में स्थित भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय से संपर्क कर चुके हैं. कजाकिस्तान में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, बेलारूस और कजाकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ वार्ता की. कयास लगाया जा रहा है कि 8 जुलाई को पीएम मोदी रूस जा सकते हैं. इस दौरान पुतिन के साथ मोदी की मीटिंग हो सकती है.
एस जयशंकर ने साझा की तस्वीरें
कजाकिस्तान में एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से भी मुलाकात की. इसके अलावा उन्होंने बेलारूस के अपने समकक्ष मैक्सिम रायजेनकोव के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. एससीओ समूह के नए सदस्य के रूप में पूर्वी यूरोपीय देश बेलारूस का भी स्वागत किया. विदेश मंत्री ने इस पूरे कार्यक्रम के दौरान हुई बैठकों की तस्वीरें साझा की है.
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