[ad_1]
Saudi Arabia Hajj Month: सऊदी अरब में गुरुवार को धू-अल-हिज्जा का चांद दिखा है, इसी पुष्टि सुप्रीम कोर्ट ने की है. आज यानी 7 जून से इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने की शुरुआत हुई है. इस महीने को हज के लिए भी जाना जाता है, क्योंकि इसी महीने में हज यात्री सऊदी अरब जाते हैं. सऊदी की मीडिया के मुताबिक, 29 जिल्काद के दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से चांद देखने के बारे में सूचना मिली. जिलहज का पहला दिन शुक्रवार को होगा, जिसकी वजह से 16 जून को ईद उल अजहा यानी बकरीद मनाई जाएगी. वहीं अराफात का दिन 15 जून को मनाया जाएगा.
गुरुवार को जिलहज का चांद खाड़ी देशों के अलावा यूके, यूएस और खाड़ी देशों में भी दिखाई दिया. सऊदी अरब को उम्मीद है कि इस बार दुनिया भर से रिकॉर्ड हज यात्री सऊदी आएंगे. हज को लेकर सऊदी में विशेष तैयारियां की गई हैं, अराफात में सड़को को सफेद रंग से रंगा गया है. सऊदी के एक अधिकारी ने बताया कि ‘ऐतिहासिक तौर पर इस साल सऊदी में हज यात्रियों के आने की उम्मीद है, उनकी सुरक्षा और आराम के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं’
भारत में 17 जून को हो सकती है बकरीद
दूसरी तरफ पाकिस्तान में जिलहज का चांद 7 जून को देखा जाएगा. भारत में भी शुक्रवार को धू-अल-हिज्जा का चांद देखने की कोशिश की जाएगी. माना ये जा रहा है कि यदि आज चांद नहीं दिखता है तो भारत में बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी. जिल्काद के 29वें दिन चांद दिखने के बाद इस्लामिक कैलेंडर का आखिरी महीना धू-अल-हिज्जा की शुरुआत होती है.
बकरीद के दिन मवेशियों की दी जाती है कुर्बानी
रमजान के बाद यह महीना भी इस्लाम में काफी खास होता है, क्योंकि इसी महीने में हज यात्रा की जाती है. इसके अलावा बकरीद का त्योहार भी इसी महीने मनाया जाता है. दुनियाभर के मुसलमान इस महीनेके दसवें दिन जानवरों की कुर्बानी देते हैं. इस कुर्बानी को पैगंबर इब्राहिम और इस्माइल के अल्लाह के प्रति प्रेम को याद करने के तौर पर देखा जाता है.
यह भी पढ़ेंः Pakistan News: पाकिस्तान बना UNSC का अस्थायी सदस्य, कश्मीर का उठाया मुद्दा, बताई अपनी प्राथमिकता
[ad_2]
Source link