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हाल ही में जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट का करीब 450 करोड रुपए से विस्तारीकरण किया गया था। एयरपोर्ट के डेवलपमेंट के बाद अंबाला जा रहा था कि अब देश के अलग-अलग बड़े शहरों से जबलपुर की फ्लाइट जुड़ेगी लेकिन ऐसा न होकर एयरलाइंस ने अपनी फ्लाइट जबलपुर से बंद कर
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समिति के संयोजक हिमांशु खरे का कहना है कि नो फ्लाइंग ड़े कार्यक्रम को लेकर हाल ही में एक बैठक की गई थी जिसमें निर्णय लिया गया है कि सभी आंदोलनकारी शहर के टैगोर गार्डन सदर में एकत्रित होंगे और फिर यहां से एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे। प्रदर्शन के जरिए विमान कंपनी और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को चेतावनी दी जा रही है कि अगर जबलपुर से देश के उन शहरों के लिए इन नियमित विमान सेवाएं शुरू नहीं की गई तो आने वाले समय में और उग्र आंदोलन किया जाएगा।
नो फ्लाइंग ड़े को सफल बनाने के लिए जबलपुर के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संगठन सहित जबलपुर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्किटेक्ट्स, अग्रवाल महासभा, लायंस क्लब, सेंट जोसेफ कॉन्वेंट जबलपुर एल्युमिनियम संगठन, जबलपुर लेडीज क्लब, वेस्ट सेंट्रल रेलवे इलेक्ट्रिकल कांट्रेक्टर एसोसिएशन, संस्कारधानी महिला सर्व ब्राह्मण महासंघ सहित कई अन्य संगठन इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
जानकारी के मुताबिक नो फ्लाइंग ड़े कार्यक्रम के चलते कई लोगों ने 6 जून को सीट बुक नहीं कराई थी। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जबलपुर के कई लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी यात्रा का बहिष्कार कर रहे हैं। बता दे की साढ़े चार सौ करोड रुपए की लागत से जब एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया गया था तो उसमें रनवे की लंबाई बढ़ाई गई, टर्मिनल पर एयरोब्रिज स्टॉल किए गए, इसके अलावा और भी कई सुविधाएं तैयार की गई, लेकिन टर्मिनल के तैयार होने के बाद जबलपुर से लगातार फ्लाइट की संख्या कम होने लगी।
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