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लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इंदौर लोकसभा क्षेत्र में निवर्तमान सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार शंकर लालवानी ने मंगलवार को 11,75,092 वोट के विशाल अंतर से चुनाव जीतकर रिकॉर्ड कायम किया और इस सीट पर भाजपा का 35 साल पुराना कब्जा बरकरार रखा। मध्य प्रदेश की जनता ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी जमकर आशीर्वाद दिया और उन्हें आठ लाख से ज्यादा वोटों से विजयी बनाया। जिसके लिए ‘मामा’ ने उनका आभार जताया। शिवराज पहले भी विदिशा से सांसद रह चुके हैं। एक लंबे अरसे बाद जब शिवराज अपनी संसदीय सीट पर लौटे तो उनका सपोर्ट करने में लोगों ने कमी नहीं छोड़ी। लालवानी और शिवराज के अलावा बीजेपी के कई चुने गए सांसदों ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की है।
शंकर लालवानी- अपने उम्मीदवार के पर्चा वापस लेने के कारण कांग्रेस इंदौर में चुनावी दौड़ से बाहर हो गई। इसके बाद लालवानी ने 12,26,751 वोट हासिल किए। लालवानी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी संजय सोलंकी को 51,659 मतों से संतोष करना पड़ा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5.48 लाख वोट से हराया था। इस सीट पर 9 निर्दलीय भी अपनी किस्मत आजमा रहे थे जिन्हें करारी हार मिली।
शिवराज सिंह चौहान- मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा को 8,21,408 मतों के अंतर से करारी शिकस्त दी। चौहान को कुल 11,16,460 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा को 2,95,052 मत प्राप्त हुए। चौहान ने विदिशा से छठा संसदीय चुनाव जीता। तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहने के बाद बीजेपी ने उन्हें इस बार विदिशा से चुनावी रण में उतारा था।
विष्णु दत्त शर्मा- मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को 541229 वोटों के अंतर से जीत मिली है। उन्होंने बहुजम समाज पार्टी के कमलेश कुमार को हराया है। वीडी शर्मा ने शुरुआथ से ही बढ़त बनाए रखी और इसे जीत में बदल दिया। इस सीट पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला देखने को मिलता लेकिन उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया। इसके बाद विपक्ष ने एआईएफबी उम्मीदवार आरबी प्रजापति (राजा भैया) को सपोर्ट दिया था, जिसका कोई फायदा नहीं हुआ।
ज्योतिरादित्य सिंधिया- गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लगभग साढ़े पांच लाख मतों से अपने निकटतम कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित कर इस सीट पर एक बार फिर भाजपा का कब्जा बरकरार रखा है। चुनाव आयोग के अनुसार, सिंधिया को नौ लाख 23 हजार 302 वोट मिले। वहीं उनके विरोधी यादवेंद्र राव देशराज सिंह के खाते में तीन लाख 82 हजार 373 वोट आए। इस सीट से भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में केपी यादव को चुनावी मैदान में उतारा था, जिन्होंने उस समय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सिंधिया को करारी हार दी थी।
आलोक शर्मा- भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार आलोक शर्मा को 5,01,499 वोटों के अंतर से जीत मिली है। इस सीट पर उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के एडवोकेट अरुण श्रीवास्तव के साथ था। उन्हें 4,79,610 वोटि मिले। शर्मा के पक्ष में 981109 वोट पड़े। वही बहुजम समाज पार्की के उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह को केवल 13,305 वोटों से संतोष करना पड़ा। 2019 में बीजेपी ने यहां से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उतारा था जिन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को भारी मतों से हराया था। भोपाल को भाजपा का गढ़ माना जाता है।
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