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कोटा- बूंदी लोकसभा से बीजेपी के ओम बिरला ने जीत की हैट्रिक लगाई है। बिरला ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को 41 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। ओम बिरला को 50 फीसदी वोट मिले,जबकि कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को 47.2 प्रतिशत वोट मिले।
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सबसे खास बात यह रही कि संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभाओं में से 5 विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी ने बढ़त ली। ओम बिरला को 7 लाख 50 हजार 496 वोट मिले। जबकि कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल को 7 लाख 8 हजार 522 मत मिले।ओम बिरला 2019 का चुनाव 2 लाख79 हजार 677 मतों से जीते थे। उनकी जीत का अंतर 20.45 45 प्रतिशत रहा था। इस बार ओम बिरला की 2.82 फीसदी वोट के अंतर से ही चुनाव जीत पाए हैं। बिरला की जीत का अंतर करीब 18 फीसदी घटा।
बीजेपी के ओम बिरला ने जीत की हैट्रिक लगाई
एक भी चुनाव नहीं हारे बिरला
बीजेपी प्रत्याशी ओम बिरला अबतक एक भी चुनाव नहीं हारे है। साल 2003 में ओम बिरला ने पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था। उसके बाद जितने भी चुनाव लड़े उन चुनावों में ओम बिरला ने जीत हासिल की है। लोकसभा स्पीकर रहते बिरला चुनाव जीते है।
ओम बिरला अबतक एक भी चुनाव नहीं हारे
गुंजल लगातार तीसरा चुनाव हारे
कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल लगातार तीसरा चुनाव हारे है गुंजल कुछ महीने पहले ही बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए है। इससे पहले गुंजल ने बीजेपी के टिकट पर कोटा उत्तर से विधानसभा चुनाव लड़ा था। साल 2018 व 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी शांति धारीवाल ने गुंजल को हराया था।
समर्थकों का अभिवादन करते हुए।
कोटा दक्षिण की बीजेपी की लीड को कवर नहीं पाई कांग्रेस
कोटा दक्षिण विधानसभा को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। बीजेपी प्रत्याशी ओम बिरला ने शुरुआत से ही यहां बढ़त बनाए रखी। यहां से बीजेपी को 35 हजार 648 वोटों की बढ़त मिली। इस बढ़त को कांग्रेस प्रत्याशी कवर नहीं कर पाए। जबकि रामगंजमंडी विधानसभा से भी बीजेपी ने 26 हजार 716 वोटों की लीड ली। यहां से मदन दिलावर राजस्थान सरकार में मंत्री है। मंत्री हीरालाल नागर के विधानसभा क्षेत्र सांगोद से बीजेपी को 5 हजार 331 वोट की लीड मिली। वही विधायक कल्पना देवी के लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने 15 हजार 15 वोट की लीड ली। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा के विधानसभा क्षेत्र बूंदी में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया। बूंदी से 15 हजार 106 वोट की बढ़त ली।
समर्थकों के साथ विजय जुलूस में शामिल ओम बिरला।
कांग्रेस 3 विधानसभा क्षेत्र में आगे रही
कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीट में 4 बीजेपी व 4 कांग्रेस विधायक है। कांग्रेस प्रत्याशी केवल 3 विधानसभा क्षेत्र में ही लीड ले सकें। कांग्रेस विधायक सीएल प्रेमी के विधानसभा क्षेत्र केशवरायपाटन से 22 हजार 395, कांग्रेस विधायक चेतन पटेल के विधानसभा क्षेत्र पीपल्दा से 22 हजार 330 व कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल के विधानसभा क्षेत्र कोटा उत्तर से 11 हजार 318 वोटों की लीड ही मिल सकी। कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा के विधानसभा क्षेत्र बूंदी से कांग्रेस प्रत्याशी15 हजार106 वोटों से हारे।
जश्न मनाते समर्थक।
डाक मत पत्रों में बीजेपी जीती
डाक मत पत्रों में बीजेपी प्रत्याशी ओम बिरला को 6 हजार100 वोट मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को 5 हजार 899 वोट मिले। निर्दलीय प्रत्याशी कमल कुमार बैरवा को 49 व निर्दलीय भंवर कुमार रावल को 29 वोट मिले।
भाजपा ने मजबूत नेतृत्व, राष्ट्रवाद, राम मंदिर निर्माण के साथ साथ केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं पर वोट मांगे।
निर्दलीयों से ज्यादा नोटा को मत मिले
कोटा बूंदी संसदीय सीट पर 10 हजार 176 वोट नोटा पर पड़े। ये निर्दलीय व अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों को मिले मत से ज्यादा रहे। बीएसपी के धनराज यादव को 7 हजार 575, एकम सनातन पार्टी के अशोक योगी को 5 हजार 775, निर्दलीय लक्ष्मीचन्द को 3 हजार 892, सत्येंद्र कुमार को 2 हजार 521, रामनाथ मेहरा को 2 हजार 422, मोइनुद्दीन को 1 हजार 860, भंवर कुमार रावल को 1 हजार 131, भारतीय किसान पार्टी के बलदेव सिंह फौजी को 1 हजार 69, राइट टू रिकॉल पार्टी के तरुण गोचर को 1000, निर्दलीय कैलाशी अनिल जैन को 994, कमल कुमार बैरवा को 1 हजार 14, अब्दुल आसिफ को 865, ओम प्रकाश शाक्यवाल को 760 वोट मिले।
जीत के कारण
कोटा बूंदी संसदीय सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। आजादी के बाद से इस सीट पर 16 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 4 बार ही जीत पाई है। जबकि 6 बार भाजपा व 3 बार जनसंघ का कब्जा रहा है। एक एक बार जनता पार्टी, भारतीय लोक दल और निर्दलीय जीत है। इस बार के चुनाव में कांटे की टक्कर रही। लेकिन बीजेपी के बेहतर मैनेजमेंट ने जीत दिलाई। बीजेपी ने शहरी इलाकों के साथ साथ ग्रामीणों इलाको में भी पकड़ बनाए रखी। इसके चलते गुर्जर, मीणा, मुस्लिम फैक्टर नहीं बन सका। असन्तुष्ट कार्यकर्ताओं को मनाया।
भाजपा ने मजबूत नेतृत्व, राष्ट्रवाद, राम मंदिर निर्माण के साथ साथ केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं पर वोट मांगे। गृह मंत्री अमित शाह ने कोटा में जन सभा की। कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा किए गए व्यक्तिगत हमलों पर पलटवार नही किया। कोई बयानबाजी नहीं की। केवल चुनाव पर फोकस रखा। क्षेत्र में लगातार मंत्रियो के दौरे करवाए। मतदान से पहले सीएम भजनलाल ने भी कोटा में सभा की। रामगंजमंडी में मंत्री मदन दिलावर व सांगोद में मंत्री हीरालाल नागर ने कमान संभाले रखी। बीजेपी लगातार वोटर से कनेक्ट रही।
इसके उलट बीजेपी से कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़े प्रहलाद गुंजल ने अभिमान वर्सेज स्वाभिमान की लड़ाई बताते हुए ओम बिरला पर हमले किए। गुंजल को कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद कई कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। गुंजल व शांति धारीवाल के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में तकरार देखने को मिली। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में अच्छा मैसेज नहीं गया।हालांकि बाद में दोनों नेता साथ नजर आए।
कोटा में प्रहलाद गुंजल के समर्थन में एक भी राष्ट्रीय नेता की सभा नहीं हुई। समय कम मिलने के कारण प्रहलाद गुंजल संसदीय क्षेत्र में ज्यादा घूम नहीं पाए। कांग्रेस में शामिल होने के बाद कई समर्थकों ने गुंजल का साथ छोड़ दिया। वो बीजेपी में रहकर पार्टी के लिए काम करते रहे। उसके बावजूद प्रहलाद गुंजल पिछले चुनाव की लीड को कम करने में कामयाब हो गए।
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