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रोहतक सीट पर जीत के बाद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रमाण पत्र सौंपते रिटर्निंग ऑफिसर अजय कुमार।
लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस ने इस बार 5 सीटों पर जीत दर्ज की है। सबसे बड़े जीत की बात की जाए तो वह रोहतक सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट दीपेंद्र सिंह हुड्डा की रही। दीपेंद्र ने BJP कैंडिडेट डॉ. अरविंद शर्मा को 3 लाख 45 हजार 298 वोटों से हराया।
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सबसे बड़ी बात यह रही कि दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक लोकसभा में पड़ने वाली सभी 9 विधानसभाओं में जीत हासिल की। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा, डॉ. अरविंद शर्मा से कांटे की टक्कर में हार गए थे।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपने पिता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विधानसभा क्षेत्र गढ़ी सांपला किलोई से सबसे बड़ी लीड लेकर आए हैं। दीपेंद्र को यहां से 77242 वोट की बढ़त मिली। पिछली बार गढ़ी-सांपला-किलोई हलके से दीपेंद्र को 45725 वोट मिले थे। यहां से उनकी जीत हुई थी।
रोहतक सीट पर विधानसभा वाइज वोट
विधानसभा | अरविंद शर्मा | दीपेंद्र हुड्डा | दीपेंद्र की जीत का अंतर |
कोसली | 83420 | 83422 | 2 |
रोहतक | 56736 | 61734 | 4998 |
बहादुरगढ़ | 59014 | 80655 | 21641 |
कलानौर | 49658 | 89322 | 39664 |
झज्जर | 39297 | 82682 | 43385 |
बादली | 37032 | 83979 | 46947 |
महम | 40813 | 94123 | 53310 |
बेरी | 31111 | 55644 | 55644 |
गढ़ी सांपला किलोई | 37341 | 114583 | 77242 |
345298 वोटों से जीते दीपेंद्र हुड्डा
रोहतक लोकसभा सीट पर कुल 12 लाख 48 हजार 446 वोट (EVM व बैलट पेपर के मिलाकर) पोल हुए थे। दीपेंद्र हुड्डा को कुल 783578 वोट मिले। जबकि अरविंद शर्मा को 438280 वोट प्राप्त हुए। दोनों में हार-जीत का अंतर 345298 वोटों का रहा। पूरे हरियाणा में सबसे बड़ी लीड दीपेंद्र हुड्डा की रही।
जीतने के बाद मां आशा हुड्डा को गले लगाते दीपेंद्र हुड्डा।
कोसली भी नहीं बचा पाई भाजपा
2019 के चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा कोसली विधानसभा सीट से 74980 वोटों से हार मिली थी। इस बार कोसली से दीपेंद्र को 83422 वोट मिले। जबकि अरविंद शर्मा को यहां से 83420 वोट हासिल हुए। इस सीट पर दीपेंद्र, शर्मा से 2 वोटों की लीड पर रहे। सभी 9 विधानसभाओं में दीपेंद्र की यह सबसे छोटी जीत है।
वोटिंग से पहले कोसली में भाजपा ने रैली भी की थी। यहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत पहुंचे थे। कोसली में राव इंद्रजीत का काफी प्रभाव माना जाता है। रैली में राव इंद्रजीत ने अपने भाषण में केवल एक बार भाजपा उम्मीदवार डॉ. अरविंद शर्मा का नाम लिया था। जबकि नितिन गड़करी को बार-बार अपना मित्र बनाकर संबोधित कर रहे थे।
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