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Jharkhand Lok Sabha Election Result 2024: झारखंड में लोकसभा की सभी 14 सीटों के नतीजे आ गए हैं। भाजपा को आठ सीटें, झामुमो को तीन, कांग्रेस को दो और आजसू पार्टी को एक सीट मिली है। 2019 के मुकाबले 2024 के आए परिणाम में जहां भाजपा को तीन सीटों का नुकसान हुआ, वहीं झामुमो एक से तीन और कांग्रेस एक से दो सीटों पर पहुंच गई। आजसू पार्टी ने पिछली बार की तरह गिरिडीह सीट से इस बार भी जीत हासिल की।
20 साल बाद ऐसा रिजल्ट
2024 चुनाव का परिणाम झारखंड में झामुमो और कांग्रेस के कुछ हद तक पक्ष में रहा। झामुमो ने राजमहल, दुमका और सिंहभूम सीट से जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने खूंटी और लोहरदगा सीट से विजय हासिल की। झामुमो और कांग्रेस ने 2004 के 20 साल बाद बेहतर परिणाम दिया है। 2004 में झामुमो को चार, 2009 में दो, 2014 में दो और 2019 में एक सीट मिली थी। वहीं, कांग्रेस को 2004 में छह, 2009 में एक, 2014 में शून्य और 2019 में एक सीट मिली थी। अबकी बार उनकी सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं तीन सीटों पर नुकसान से भाजपा को झटका लगा है।
पांच साल में दोगुना दम
झामुमो एक से सीधे तीन सीटों पर, जबकि कांग्रेस दो सीटों पर पहुंच गई है। सिंहभूम सीट पर 1991 के बाद झामुमो का कोई प्रत्याशी जीता है। झामुमो ने प्रत्याशी के रूप में विधायक जोबा मांझी को उतारा, जिन्होंने जीत हासिल की। वहीं, दुमका सीट से 2002 से 2014 तक झामुमो के शिबू सोरेन जीतते रहे थे। 2019 में भाजपा के सुनील सोरेन ने उन्हें हराया था, लेकिन इस बार झामुमो के नलिन सोरेन ने भाजपा की सीता सोरेन को हराया। वहीं, राजमहल में झामुमो के विजय हांसदा ने जीत की हैट्रिक बनाई है। उन्होंने भाजपा के ताला मरांडी को हराया।
सांसद व सीट हाथ से गई तो दूसरी दो सीटों पर मिली जीत
झारखंड की दो लोकसभा सीटें खूंटी और लोहरदगा में हमेशा टक्कर होती रही है। त्रिकोणीय संघर्ष भी नजर आता रहा है, लेकिन दोनों सीटों की जनता ने मन बनाकर कांग्रेस का सांसद बनाया है। खूंटी से कालीचरण मुंडा और लोहरदगा से सुखदेव भगत ने जीत हासिल की है। 2019 में सिंहभूम से कांग्रेस की गीता कोड़ा जीती थीं, लेकिन चुनाव से पहले उनके भाजपा में चले जाने के बाद कांग्रेस की सीटों की संख्या शून्य हो गई थी। एक तो सांसद ने साथ छोड़ा और गठबंधन में सीट भी झामुमो के खाते में चली गई थी। ऐसे में कांग्रेस ने खूंटी और लोहरदगा से जीत हासिल की।
खूंटी में 2004 में सुशीला केरकेट्टा के बाद कांग्रेस ने जीत हासिल की है। इनसे पहले 1984 में साइमन तिग्गा कांग्रेस के सांसद बने थे। 1962 से अब तक में कालीचरण मुंडा तीसरे कांग्रेसी सांसद के रूप में चुने गए हैं। वहीं, लोहरदगा में भी 2004 में कांग्रेस के रामेश्वर उरांव के बाद पार्टी ने जीत हासिल की है। भाजपा के सुदर्शन भगत ने इस सीट पर जीत की हैट्रिक बनाई थी, लेकिन इस बार उनका टिकट काट दिया गया। समीर उरांव भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए, लेकिन कांग्रेस के सुखदेव भगत उन पर भारी पड़े।
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