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नियुक्ति तिथि से तीनों चयनित वेतनमान का लाभ देने के बाद दुबारा चयनित वेतनमान का वर्ष तय करने व वसूली की कार्रवाई करने से जुड़ी याचिकाओं पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक व टोंक के जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश गणेशराम मीणा की एकलपीठ ने नोटिस टोंक जिले के सेवानिवृत्त शिक्षक शंकर लाल जाट व अन्य शिक्षक द्वारा एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के जरिये दायर की गई याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए हैं। इन याचिकाओं में बताया गया है कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर 13 अगस्त 1985 को हुई। विभाग ने इन्हें प्रथम चयनित वेतनमान नौ वर्ष पर 16 अगस्त 1994 को दूसरा चयनित वेतनमान का लाभ 16 अगस्त 2003 को तथा 27 वर्षीय चयनित वेतनमान का लाभ 16 अगस्त 2012 को दे दिया, लेकिन विभाग ने 23 मई 2015 को 27 वर्षीय चयनित वेतनमान के आदेश को वापस लेते हुए 84 हजार रुपये की वसूली कर ली। इसे याचिका में चुनौती देते हुए कहा गया कि न्यायालयों के विभिन्न निर्णयों में एक बार लाभ देने के बाद वसूली को अवैधानिक करार दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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