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सुरेंद्र और हरिओम के साथ पीड़ित शत्रुघ्न नीली टीशर्ट में।
बिहार की राजधानी पटना का रहने वाला एक कर्मचारी बेसुध हालत में रेवाड़ी में मिला है। उसके साथ ट्रेन में लूटपाट व मारपीट करने के बाद बदमाश फरार हो गए। वह बेसुध हालात में पांच दिनों तक रेवाड़ी शहर के दिल्ली रोड स्थित जेएलएन नहर के पास पड़ा रहा। फरिश्ता बनक
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मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी जिला के गांव मांढैया कलां का सुरेन्द्र सिंह रविवार को जेएलएन नहर के पास से जब जा रहा था तो उसने भीषण गर्मी में एक बेसुध युवक को लावारिश हालात में पड़ा देखा। सुरेंद्र सिंह के अनुसार, उसे पहले तो ऐसा लगा कि कोई नशेड़ी है या फिर मंदबुद्धि है। लेकिन कपड़ों व उससे बातचीत से लगा कि उसके साथ कोई वारदात हुई है। उसने युवक की मदद के लिए समाजेसवी हरिओम कालका व कामरेड राजेन्द्र सिंह से संपर्क किया।
हालत ठीक होने पर आपबीती सुनाई
सुरेन्द्र ने बताया कि वह बेसुध युवक को अपने घर ले गया और भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए ठंडे पानी से नहलाया। कूलर के आगे आराम कराया, खाना व दवाई भी दी। धीरे-धीरे उस युवक को होश आने लगा और जब उसने आपबीती बताई तो वह भी हैरान रहा गया। उसने बताया कि वह दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी करता है और पटना का रहने वाला है। 5 दिन पूर्व वह दिल्ली से ट्रेन में सवार होकर पटना के लिए चला था। ट्रेन में कुछ बदमाशों ने उसके साथ मारपीट करते हुए उससे नकदी, दस्तावेज व मोबाइल फोन छीन लिए। मारपीट से वह बेहोश हो गया।
पांच दिन भूखा-प्यासा रहा
कुछ देर बाद उसे होश तो आ गया, लेकिन दिमाग पूरी तरह काम नहीं कर रहा था। उसे नहीं पता वह नहर के पास कैसे पहुंचा। वह पांच दिन से भूखा-प्यासा पड़ा था। उसने अपना नाम शत्रुघ्न बताया और परिजनों के फोन नंबर भी बताए। सुरेन्द्र ने कहा कि बताए गए नंबरों पर जब बात की गई तो उसकी मां ने फोन उठाया और जब उसे पता चला कि उसका बेटा शत्रुघ्न ठीक है तो उसकी सांस में सांस आई और शुत्रघ्न से बात भी की। कामरेड राजेन्द्र सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद उसके परिजन उसे लेने के लिए पटना से रवाना हो चुके है। फिलहाल शत्रुघ्न सुरेन्द्र के घर पर ही है।
देर शाम तक परिजनों के पहुंचने की संभावना है। पीड़ित शत्रुघ्न ने कहा कि उसे बचाने वाले किसी से फरिश्ते से कम नहीं है। यदि ये लोग मौके पर नहीं पहुंचते तो भीषण गर्मी में भूख-प्यास से उसकी मौत भी हो सकती थी।
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