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जयपुर जौहरी बाजार, घी वालों का रास्ता, चौकड़ी घाट दरवाजा में स्थित जयपुर शैली से निर्मित शहर की सबसे प्राचीन और बड़ी धर्मशाला का 100वां वर्ष सोमवार को मनाया गया। इस दौरान धर्मशाला में निशुल्क चिकत्सा शिविर का आयोजन किया गया। यहां शिविर में स्त्री रोग
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सेंठ बंजीलाल ठोलिया धर्मशाला के 100वें साल में प्रवेश कार्यक्रम में पहुंची पार्षद कुसुम यादव।
पहले 50हजार खर्चें में बनाए गए थे 16 कमरे
इस धर्मशाला में 35 कमरे व एक हॉल बना हुआ है। जिसमें सभी समाजों के लोग शादी-विवाह और सार्वजनिक कार्यों के लिए उपयोग कर रहे हैं। आजादी से पहले की बात है जब जयपुर में बाहर से आने वाले यात्रियों और दर्शनार्थियों के लिए ठहरने के स्थान की कमी महसूस हुई तो सेठ बंजीलाल ठोलिया ने 850 वर्गगज निजी जमीन पर धर्मशाला का निर्माण करवाया था। उस समय ₹50हजार खर्च कर शुरुआत में ग्राउंड फ्लोर पर 16 कमरें बनाए थे। पानी के लिए कुएं का निर्माण भी करवाया था, जिससे इसके आसपास के लोग पीने के लिए पानी लेकर जाते थे। इस कुएं के पानी से मंदिरों में जिला अभिषेक होता था।
आंखों की जांच करवाते हुए महिला।
यहां पर अब तक 4000 शादियां सहित 10000 से अधिक धार्मिक-सामाजिक व व्यापारिक कार्यक्रम हो चुके
वर्ष 1971 में ₹1लाख खर्च कर प्रथम मंजिल पर का निर्माण सेठ बंजीलाल ठोलिया के पुत्र सेठ ऋषभ दास ठोलिया ने करवाया था। धर्मशाला का संचालन व मेंटेनेंस सेठ बंजीलाल ठोलिया चैरिटी ट्रस्ट की ओर से किया जा रहा है। चैरिटी अध्यक्ष शांति कुमार ठोलिया और संदीप कुमार तोलिया ने बताया कि धर्मशाला में रहने वाले लोगों से कोई किराया नहीं लिया जाता है, बल्कि उनकी इच्छा अनुसार जो राशि डोनेशन के रूप में देना चाहे दे सकते हैं। वही धर्मशाला में सामाजिक-धार्मिक कार्यक्रमों के लिए डोनेशन के रूप में टोकन राशि ली जाती है। यहां पर अब तक 4000 शादियां सहित 10000 से अधिक धार्मिक-सामाजिक व व्यापारिक कार्यक्रम हो चुके हैं। धर्मशाला के बड़े चौक में शादी ब्याह सहित अन्य कार्यक्रमों की रस्में होती है, तो वहीं धर्मशाला की छत को जीमण के लिए काम में लिया जाता है।
जांच शिविर में पहुंची स्थानीय महिलाएं।
92 साल से औषधालय संचालित, होता है निशुल्क उपचार
सेठ बंजीलाल ठोलिया धर्मशाला में पिछले 92 साल से निशुल्क औषधालय भी संचालित हो रहा है। ट्रस्टी प्रदीप ठोलिया ने बताया कि धर्मशाला में मरीजों के उपचार के लिए शाम 5 से 7:30 तक एक वैद बैठता है। खांसी-जुकाम, बुखार, गठिया, पेट दर्द, वात-पित्त सहित अन्य तरह के मरीजों का निशुल्क उपचार किया जाता है, दवाइयां भी निशुल्क दी जाती है। यहां पर रोज करीब 100 अधिक मरीज उपचार के लिए आते हैं। यहां शादी, जागरण, सरकारी योजनाओं के कैंप, मेडिकल कैंप, ब्लड कैंप, समाजों-व्यापारियों की बैठक, त्योहारों के कार्यक्रम, धार्मिक कार्यक्रम व दीपावली को होली मिलन समारोह आदि कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
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