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दमोह के मलेरिया ऑफिस में पिछले 37 साल से गंध मार रहा 24 टन एक्सपायरी डेट का बेंजीन हेक्साक्लोराइड (मच्छर मार पावडर) अब वापस जा रहा है। बीते 37 साल में इस विभाग कई अधिकारियों ने शासन से पत्राचार कर इस पाउडर को वापस बुलाने का आग्रह किया, लेकिन किसी ने
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मलेरिया ऑफिस के यूडीसी कर्मचारी राजेंद्र कटारया ने बताया कि 1987 से यह बेंजीन हेक्साक्लोराइड मच्छर मार पावडर उनके पास रखा था। पहले ऑफिस स्टेशन चौराहे पर था वहां इसे सहेजकर रखा गया। उसके बाद रामकुमार स्कूल के पास ऑफिस पहुंचा तो वहां भी इसकी हिफाजत की गई और अब पिछले कई साल से पुराने सीएमएचओ बंगले के पास संचालित ऑफिस में इसे सहेजकर रखना पड़ रहा था।
खतरनाक रसायन की श्रेणी में शामिल होने की वजह से इसका निष्पादन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मापदंडों के अनुसार ही हो सकता था।
1996 में इसके उपयोग पर लगी थी रोक
कटारया ने बताया कि इस पावडर का उपयोग मच्छरों को मारने के लिए किया जाता था, लेकिन मच्छरों पर इसका असर कम होने होने अलग-अलग रिपोर्ट्स में इसके मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव होने के कारण सरकार ने पूरे देश में 1996 से इसका उपयोग रोक दिया था। अब 37 साल बाद इस पाउडर को यहां से उठाया जा रहा है। मलेरिया विभाग के कर्मचारी पाउडर उठने से काफी खुश है। उनका कहना है कि उन्हें हर दिन इस बदबू से बहुत परेशानी होती थी, लेकिन मजबूरी में यहां बैठना पड़ता था। अब उन्हें राहत मिल जाएगी।
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