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दुनियाभर में लंबी दूरी के लिए रेलवे ट्रैक बिछाए गए, जिससे यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में आसानी हो. वो समय से अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच सकें. इसके लिए सबसे ज्यादा मजबूत रेलवे नेटवर्क अमेरिका, चीन, रूस तथा भारत के पास है, जिसे सबसे लंबा माना जाता है. अमेरिका के पास ढाई लाख किलोमीटर का सबसे लंबा रेलवे नेटवर्क है, तो चीन के पास 1 लाख किलोमीटर का. रूस 85 हजार 500 किलोमीटर के साथ तीसरे स्थान पर तो भारत 65 हजार किलोमीटर के साथ चौथे नंबर पर है. लेकिन ये तो हो गए सबसे बड़े रेलवे वाले देश. लेकिन सबसे छोटी रेल लाइन वाले देश के बारे में जानते हैं?
यकीनन, नहीं जानते होंगे. लेकिन आपको बता दें कि दुनिया के सबसे छोटे देश में शुमार वेटिकन सिटी के पास सबसे छोटी रेल लाइन है, जिसकी कुल लंबाई महज 300 मीटर है. इतनी दूरी कि आप 2 मिनट के अंदर पैदल भी पार कर सकते हैं. लेकिन इस रेलवे ट्रैक पर परमानेंट कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं चलती है. सिर्फ मालगाड़ी के लिए ही इस ट्रैक को बनाया गया है. इसका केवल एक रेलवे स्टेशन है, जिसका नाम सिट्टा वैटिकाना (Citta Vaticano) है. ये रेलवे लाइन सन् 1934 में खोली गई थी.
वेटिकन सिटी में मौजूद ये रेलवे लाइन 300 मीटर बाद इटली के रोमा सैन पिएट्रो रेलवे स्टेशन से जुड़ जाती है. हालांकि, साल 2015 में पहली बार सिट्टा वैटिकानो रेलवे स्टेशन से एक पैसेंजर ट्रेन भी चलनी शुरू हुई, जो हर शनिवार चलती है. यह ट्रेन इटली के कैसल गैन्डोल्फो (Castle Gandolfo) तक जाती थी. लेकिन ज्यादातर इस ट्रैक पर मालवाहक ट्रेनें ही चलती हैं.
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कैसे शुरू हुई थी ट्रेन?
19वीं सदी में पोप शासित राज्यों को रेलवे से जोड़ने की योजना थी, लेकिन पोप ग्रेगरी XVI ने इस पर रोक लगा दी. उनका मानना था कि लोहे की सड़क, नरक की सड़क है. हालांकि, 1846 में उनकी मौत के बाद उनके उत्तराधिकारी पोप पायस IX ने एक रेल लाइन का निर्माण शुरू करवाया, लेकिन इसके पूरा होने से पहले ही 1860 में सार्डिनिया साम्राज्य की सेनाओं ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया. लगभग 70 साल बाद वेटिकन सिटी में एक रेलवे स्टेशन के निर्माण और इतालवी रेल लाइनों से इसके जुड़ाव की गारंटी 11 फरवरी 1929 की लेटरन संधि द्वारा मिली.
1932 में वेटिकन सिटी पहुंची पहली ट्रेन
इटली और वेटिकन सिटी के रेलवे लाइनों के जुड़ाव की संधि के 3 साल बाद ट्रैक तैयार हो गया. मार्च 1932 में पहला लोकोमोटिव इंजन वाली ट्रेन ने वेटिकन सिटी में प्रवेश किया. हालांकि, स्टेशन आधिकारिक तौर पर 2 अक्टूबर 1934 को खोला गया था. वहीं, स्टेशन भवन का निर्माण 1929 और 1933 के बीच किया गया था, जो सफेद संगमरमर से बनी है. स्टेशन भवन के एक हिस्से का उपयोग यात्री स्टेशन और माल कार्यालय के रूप में होता है, जबकि दूसरे हिस्से में अब वेटिकन मुद्राशास्त्र और डाक टिकट संग्रह संग्रहालय है.
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Tags: Ajab Bhi Ghazab Bhi, Khabre jara hatke, OMG, Railway Knowledge
FIRST PUBLISHED : March 8, 2024, 13:13 IST
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