अजित सिंह ओबरा
*ईकाई सुरक्षा संरचना के साथ ही साथ समाज के प्रति अपने दायित्वों का भी बखूबी निर्वहन जिम्मेदारी पूर्ण ढंग से करते हुए आया है : शर्मा
सोनभद्र। रविवार को केऔसुब (सीआईएसएफ) के 55 वें स्थापना दिवस अवसर पर केऔसुब इकाई ओटीएचपीपी ओबरा के परेड ग्राउन्ड मैदान पर इकाई प्रभारी एचएस शर्मा, कमाण्डेंट केऔशुब इकाई ओबरा एवं मुख्य अतिथि राधे मोहन सीजीएम Obra thermal Power की उपस्थिति में भव्य परेड का आयोजन किया गया। तत्पश्चात परेड की सलामी ली गयी। इस दौरान एचएस शर्मा कमाण्डेंट केऔसुब इकाई ओटीएचपीपी ओबरा द्वारा उपस्थित बल सदस्यों एवं जनसमूह को सीआईएसएफ द्वारा स्थापना से लेकर अब तक प्राप्त किये गये गौरवशाली आयामों के संबंध में अपने संबोधन में बताया गया। उन्होंने कहा कि यह ईकाई सुरक्षा संरचना के साथ ही साथ समाज के प्रति अपने दायित्वों का भी बखूबी निर्वहन जिम्मेदारी पूर्ण ढंग से करते हुए आया है।
तदुपरान्त इकाई प्रभारी के आग्रह पर मुख्य अतिथि राधे मोहन, CGM Obra thermal Power, द्वारा केंन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की स्थापना दिवस के अवसर पर उपस्थित बल सदस्यों एवं जनसमूहो को संबोधित करते हुए इसकी उपयोगिता और आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। बताया गया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की स्थापना 10 मार्च 1969 को एक मामूली संख्या 3129 की नफरी के साथ अपनी शुरुआत करके अस्तित्व में आया एवं 15 जून 1983 को सीआईएसएफ को एक सशस्त्र बल का दर्जा प्राप्त हुआ तथा आज 1,76,320 की नफरी के साथ देश के विभिन्न उद्यमों एवं उपक्रमों को सुरक्षा प्रदान कर रही है। सीआईएसएफ Cके गौरवशाली गाथा में जो पहलू है उन्हें आज चर्चा करना समाचीन होगा। सीआईएसएफ ने वर्ष 1999 में Consultancy Service, वर्ष 2000 में एयरपोर्ट सिक्यूरिटी, वर्ष 2001 में Government Building Security, वर्ष 2006 में VIP Security एवं वर्ष 2007 में Security of Delhi Metro की सुरक्षा की जिम्मेवारी को संभाला और आज अनुकूलनशीलता तथा उन्नत प्रोद्योगिकी के कारण विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी बन गई है। इसके अलावा अभी हाल में सीआईएसएफ की सुरक्षा एवं अग्नि शमन शाखा की तैनाती देश के संसद भवन की सुरक्षा के मद्देनजर IS duty pattern पर हुई है। इसके साथ ही राम मन्दिर अयोध्या एवम KVK Consultancy भी सीआईएसएफ के द्वारा ही की गई है। CISF सभी अर्धसैनिक बलो में एक ऐसा बल है जो विभिन्न सरकारी एवं निजी उद्यमों को सुरक्षा प्रदान कर पूंजी अर्जित करता है तथा
देश के विकास में योगदान करता है। इस प्रकिया में सीआईएसएफ ने एक पेशेवर और बहु-आयामी बल का गौरव अर्जित किया है। अत्याधुनिक प्रोद्योगिकी और एक उच्च कुशल मानव संसाधन से लैस सीआईएसएफ महत्त्वपूर्ण अवसंरचना और देश के आर्थिक विकास के प्रमुख संस्थानों की रक्षा करता है जो आज देश के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित 368 विभिन्न सरकारी, सार्वजनिक, संयुक्त उद्यम तथा 67 प्रमुख हवाई अड्डों सहित निजी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा प्रदान कर रहा है। सीआईएसएफ फायर विंग देश की सबसे बड़ी, सबसे अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अच्छी तरह से सुसज्जित अग्निशमन बल है जो 103 विभिन्न प्रतिष्ठानों को अग्नि सुरक्षा प्रदान कर रहा है। सुरक्षा देने के अतिरिक्त बल ने 1999 में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के उपक्रमों को आग और सुरक्षा परामर्श प्रदान करने के लिए सीआईएसएफ कंसल्टेंसी सर्विस की शुरूआत की। सीआईएसएफ ने सरकारी, निजी सेक्टर और पीएसयू के तहत 202 प्रतिष्ठानों को कंसल्टेंसी सेवाएं प्रदान की है। सीआईएसएफ की तैनाती नहीं पा सकने वाले संगठनों के साथ अपने ज्ञान और विशेषज्ञता के पूल को साझा करने के उद्देश्य से, सीआईएसएफ की कंसल्टेंसी विंग एकीकृत सुरक्षा समाधान प्रदान करती है जो ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाता।अनुकूलनशीलता तथा उन्नत प्रोद्योगिकी का प्रयोग बल के प्रमाणक रहे हैं। इनकी वजह से बल ने नई सुरक्षा चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। देश में मौजूदा सुरक्षा वातावरण तथा देश के बाहर से आंतकी धमकियों को देखते हुए बल प्रोद्योगिकी आधुनिकीकरण तथा कौशल उन्नयन के प्रति लगातार प्रयास कर रहा है ताकि राष्ट्र के लिए समर्पित सेवा का उन्नत रूप तैयार किया जा सके। अपने प्रभावशाली सतत रिकार्ड से उच्च व्यावसायिक मानक स्थापित करके बल गर्व तथा विश्वास के साथ उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है।