उपेंद्र तिवारी
धूम धाम से निकली शिवबारात, भूत ,पिचास , चुड़ैल , बानर बने बाराती
दुद्धी के शिवाला मंदिर व डीहवार मंदिर से उठी भव्य बारात
मल्देवा स्थित कैलाश कुंज द्वार व श्रीहिरेश्वर मंदिर पर पर हुआ शिव पार्वती का विवाह
दुद्धी/सोनभद्र|शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूम धाम आस्था के साथ मनाया गया ,क़स्बे के शिवाला मंदिर ,कनहर नदी तट स्थित कनहेश्वर मंदिर ,मल्देवा स्थित कैलाश कुंज द्वार ,श्री हिरेश्वर मंदिर बीडर आदि मंदिरों में तड़के सुबह से ही घण्ट घड़ियाल गूंजने लगे | श्रद्धालुओ ने शिव लिंग पर बेलपत्र धतूरा ,पुष्प चढ़ाकर दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक के भगवान के शिव के विधि विधान से दर्शन पूजन किये | दोपहर बाद शाम 4 बजे प्राचीन शिवाला मन्दिर से भगवान अड़भंगी भोले नाथ की शिवबारात बैलगाड़ी पर निकाली गयी| जो कैलाश कुंज द्वार के लिए निकली वहीं इसी दरमियान क़स्बे के वार्ड नं 2 डीहवार बाबा मंदिर प्रांगण से रथ पर सवार शिव की बारात श्रीहिरेश्वर मंदिर के लिए निकली , जिसमें भूत ,पिचास , चुड़ैल ,बानर ,औघड़,राक्षस के रूप में शरीर मे भभूत लपेटे शिवभक्त बाराती बने जो आकर्षण के केंद्र रहे। बैल गाड़ी पर सवार भगवान भोले शंकर दूल्हे के रूप में निकले वही ब्रह्मा , विष्णु रथ पर सवार होकर पीछे पीछे बाराती बन कर निकले | बारात में कई गांवों के सैकड़ो ग्रामीण भी शिव बारात में शामिल हो पुण्य के भागी बने|क़स्बे में निकली शिव की भव्य बारात देखते ही बन रही थी ,बारात नगर से गुजरते समय सम्पूर्ण नगर के लोग घरों से निकल भक्ति भाव से शिव की बारात को निहारते रहे और मंत्रमुग्ध हो गए।बारात के दौरान सम्पूर्ण नगर हर हर महादेव के नारों से पूरा नगर गूंज रहा था।बारात नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए मल्देवा कैलाश कुंज द्वार पहुँचा जहां देवों में देव महादेव का विधि विधान से माँ पार्वती के साथ विवाह सम्पन्न हुआ,वहीं श्री हिरेश्वर मंदिर पर भी शिव विवाह सम्पन्न हुआ|
इस दौरान वर पक्ष से नगर पंचायत अध्यक्ष कमलेश मोहन ,भोला आढ़ती , रामेश्वर राय, राजू बाबु , ईश्वर प्रसाद , धीरू ,शम्भु हलुवाई , नज्जु अग्रहरि , दीपक शाह ,प्रेमचंद आढ़ती ,डॉ विनय ,गोपाल अग्रहरी के साथ तमाम शिवभक्त मौजूद रहें| न० प० अध्यक्ष कमलेश मोहन, राजू बाबू, दीनानाथ, नारायण अग्रहरि नज्जू, सुरेंद्र अग्रहरि, दीपक शाह, गोपाल अग्रहरि,सुरेंद्र गुप्ता , गोविंद अग्रहरि, विकास अग्रहरि, सृजन अग्रहरि बाराती बन कर साथ चलें|
अग्नि को साक्षी मान शिव पार्वती ने लिए फेरे, ब्रम्हा ,बिष्णु के सैकड़ो नर नारी बने साक्षी
दुद्धी। मल्देवा स्थित कैलाश कुंज द्वार पहुँची भगवान शिव की बारात का स्वागत व अभिनंदन करते हुए कन्या पक्ष से डॉ लवकुश ,तारा देवी ,डॉ हर्ष ,डॉ जयवर्धन ,डॉ प्रीति , सुनैना , मीना देवी ,ललिता देवी , उमा प्रजापति ,ग्राम प्रधान सीता जायसवाल , निरंजन जायसवाल , कुलभूषण पांडे के साथ मल्देवावासियों ने पुष्प वर्षा करते हुए बारातियों का भव्य स्वागत किया।स्वागतोपरान्त शादी की रश्म अदा की गई ,भगवान शिव को माँ पार्वती के द्वारा जयमाल पहनाते ही हर हर महादेव का उद्घोष से समूचा वातावरण शिव मय हो गया|लगातार हो रहे पुष्प वर्षा होने के साथ मनोरम दृश्य देखते ही बन रही थी मानो जैसे लोग देवलोक में भगवान शिव व पार्वती का विवाह देख रहे हो।इसके बाद विधि विधान से मंत्रोउच्चार से विवाह संपन्न कराया गया जिसमें भगवान शंकर व माँ पार्वती ने अग्नि को साक्षी मानकर फेरे भी लिए।विवाह का कार्यक्रम महंत महेंद्र मिश्रा ने वैदिक रीति रिवाज सम्पन्न कराया।इसके बाद भव्य भंडारा का आयोजन हुआ जिसमें बारातियों के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।उधर बीडर गांव स्थित श्री हिरेश्वर मंदिर में भी विधि विधान से महंत ईश्वर प्रसाद मिश्रा ने शिव विवाह सम्पन्न कराया | इस मौके पर रविन्द्र जायसवाल ,राखी जायसवाल ,बालकृष्ण जायसवाल ,वर्षा रानी ,आनंद जायसवाल ,अखिलेश जायसवाल ,अवधेश जायसवाल ,अरुण जायसवाल सहित काफी संख्या में शिवभक्त मौजूद रहे| शिवबारात के दरमियान बारातियों के लिए जगह जगह खीर ,शुद्ध पेयजल व ठंडई का व्यवस्था की गई|वहां मंदिर के बाहर सड़क के दोनों किनारे मेले का आयोजन भी किया गया था|
सुरक्षा के दृष्टि के चाक चौबंद थी प्रशासन की व्यवस्था
दुद्धी। नगर में आयोजित शिवरात्रि के मेले और निकले शिवबारात में सुरक्षा के व्यापक इंतेजाम थे।जिसमें जगह जगह पुलिस प्रशासन के जवान तैनात थे ,कोतवाली प्रभारी नागेश कुमार रघुवंशी ने पुलिस पीएसी व महिला कांस्टेबल के साथ भ्रमणशील रहें|
गांव –गांव से उमड़े बाराती
दुद्धी|शिवरात्रि के महापर्व पर शिवाला मन्दिर से निकलने वाले बारात व डीहवार मंदिर से निकलने वाली बारात में गांव–गांव से बाराती गाजे बाजे के साथ पहुँचे और शिव विवाह देख भावविभोर हुए।कस्बे से सटे गांव खजुरी ,मलदेवा ,जाबर ,धनौरा व बीडर सहित दर्जनों गांव के सैकड़ो महिलाएं व पुरुष बाराती बनकर आए ।