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नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला भारत का मोस्ट वान्टेड टेररिस्ट है. वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का करीबी गैंगस्टर रहा है. वह सालों से कनाडा में है और ट्रूडो सरकार की नाक के नीचे गैंग और भारत विरोधी अभियान चला रहा है. अर्श डल्ला को भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित कर रखा है और उसके ऊपर भारत में कई केस दर्ज हैं. अब जब अर्श डल्ला की गिरफ्तारी हो चुकी है तो ट्रूडो सरकार उसे बचाने में जुट चुकी है. खालिस्तानी वोट बैंट की वजह से ट्रूडो सरकार आतंकी को भारत के हाथ नहीं सौंपना चाहती. हालांकि, भारत भी हाथ पर हाथ रखकर बैठने वाला नहीं है. अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने अपनी चाल चल दी है.
दरअसल, खालिस्तान टाइगर फोर्स के सरगना अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला कनाडा में गिरफ्तार हो चुका है. गुरुवार को कनाडा की कोर्ट में उसकी पेशी हुई. मगर उसे बचाने के लिए कनाडा सरकार ने भरी अदालत में एक दांव चल दिया. आतंकी अर्श डल्ला को लेकर कोई भी जानकारी भारत और दुनिया को पता न चले, इसके लिए कनाडा की जस्टिन ट्रूडो की सरकार के वकील ने मीडिया कवरेज पर बैन की मांग कर दी. सरकारी वकील ने अदालत में एप्लिकेशन लगाई कि 517 पब्लिकेशन एक्ट के तहत कवरेज को लेकर मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. इसके बाद कनाडा की कोर्ट ने ऑर्डर दे दिया कि अर्श डल्ला केस की मीडिया कवरेज न हो. इस तरह से ट्रूडो ने अपनी एक और नीच हरकत दिखा दी.
भारत अर्श डल्ला को लेकर सतर्क
मगर भारत भी अब ऐसे ही नहीं छोड़ने वाला है. अपने मोस्ट वांटेड आतंकी को वापस पाने और उसे भारत में न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए कई कदम उठा रहा है. भारत सरकार अब उसके प्रत्यर्पण की पूरी कोशिश में जुट गई है. गिरफ्तारी की खबर मिलते ही भारत सरकार की एजेंसियां एक्टिव हो चुकी हैं. भारत में न्याय का सामना कराने के लिए उसे वापस देश लाया जाएगा. अर्श डल्ला मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का करीबी है. वह उन 27 लोगों में से एक है, भारत ने जिनके प्रत्यर्पण की मांग भारत ने की है. इसके अलावा, भारत सरकार की एजेंसियां भारत में अर्श डल्ला के गुर्गे की कमर तोड़ रही है. इसी सिलसिले में पंजाब में उसके कई गुर्गे अरेस्ट हुए हैं.
भारत ने डल्ला की गिरफ्तारी पर क्या कहा
आतंकी अर्श डल्ला की गिरफ्तारी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ आतंकी अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी पर 10 नवंबर से मीडिया रिपोर्ट देखीं. कनाडा की मीडिया ने गिरफ्तारी की खबर दी है. गिरफ्तारी के मद्देनजर हमारी एजेंसियां प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई करेंगी. भारत में अर्श डल्ला के आपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में इसी तरह की अवैध गतिविधियों में उसकी संलिप्तता को देखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि उसे भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित या निर्वासित किया जाएगा.
भारत फिर करेगा प्रत्यर्पण का अनुरोध
दरअसल, अर्श डल्ला हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आतंकी वित्तपोषण सहित आतंकवादी कृत्यों के 50 से अधिक मामलों में घोषित अपराधी है. मई 2022 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. उसे 2023 में भारत में एक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था. जुलाई 2023 में भारत सरकार ने कनाडा सरकार से उसकी अस्थायी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था. मगर ट्रूडो की सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया गया. भारत सरकार ने जबकि कई सबत दिए हैं. भारत 2023 वाला कनाडा से अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण का अनुरोध फिर से करेगा.
क्यों बचा रही ट्रूडो सरकार?
अब सवाल है कि आखिर जस्टिन ट्रूडो अर्श डल्ला को बचाने में जुटे क्यों हैं? कनाडा सरकार अर्श डल्ला को भारत के हवाले करके वोट बैंक खिसकने नहीं देना चाहती. अगर कनाडा सरकार भारत के हवाले अर्श डल्ला को करेगी तो खालिस्तानी वोट बैंक ट्रूडो सरकार से नाराज हो जाएगा. आगमी चुनाव को देखते हुए ट्रूडो ऐसा नहीं करेंगे. यही वजह है कि उसकी मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी गई है. साथ ही भारत के प्रत्यर्पण वाले अनुरोधों को कनाडा खारिज करता रहा है.
Tags: Canada, Canada News, Justin Trudeau, Khalistani terrorist
FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 09:28 IST
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