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घटना स्थल की जांच करती पुलिस टीम।
सेंवढ़ा के अतरेटा थाना क्षेत्र में सिंध नदी की खमरौली खदान पर बुधवार-गुुरुवार की रात 1 बजे रेत माफिया के दो गुटों में विवाद हो गया। खदान से रेत उठाने को लेकर हुए विवाद में एक पक्ष ने फायरिंग कर दी, जिससे दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो
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जानकारी के अनुसार ग्राम परसें थाना बिजौली ग्वालियर निवासी भूपेंद्र गुर्जर ने पुलिस को बताया कि वह बुधवार-गुरुवार की रात साथी मधुराज गुर्जर के साथ जेसीबी से खदान पर रास्ता बनवा रहा था। रात करीब 1 बजे जनक यादव, मनोज, नीटू, बंटी निवासी बुड़ेरा और सतीश यादव निवासी बड़ागांव सहित 5 अज्ञात लोग वहां पहुंचे और फायरिंग कर दी।
एक गोली मधुराज के पेट में और एक गोली भूपेंद्र के पैर में लगी। दोनों को जेएएच अस्पताल ग्वालियर ले जाया गया, जहां मधुराज को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। भूपेंद्र की हालत गंभीर है। दतिया एसपी वीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि खमरौली में रास्ते को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। इसी विवाद में फायरिंग हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पहले खदान फिर रास्ते को लेकर झगड़ा
30 रेत खदानों का ठेका रिद्धि सिद्धि कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास है। खमरौली खदान को ठेका कंपनी ने बुड़ेरा निवासी जनक को दिया था। इस पर 15 दिन से खनन बंद था। बुधवार को दिन में जैसे ही जनक ने रेत उठाना शुरू किया तो गोलू गुर्जर और सज्जन सिंह पहुंच गए। विवाद होने पर कंपनी के प्रतिनिधि पहुंचे और गोलू को डोंगरपुर खदान से रेत उठाने को कहा। दरअसल डोंगरपुर रेत खदान का रास्ता खमरौली से होकर जाता है, िजस कारण दोनों के बीच रास्ते पर विवाद शुरू हो गया। रात 1 बजे गोलू के कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
प्रभारी मंत्री के बेटे का नाम लेकर दबदबा बना रहा गोलू
सेंवढ़ा की खदानों में पहले मौ नगर पालिका अध्यक्ष सज्जन यादव सक्रिय रहते थे। दो माह पहले गोलू गुर्जर ने यहां खदानों में घुसपैठ शुरू की। गोलू को दतिया जिले के प्रभारी मंत्री ऐंदल सिंह कंसाना के बेटे बंकू गुर्जर का दोस्त बताया जा रहा है। बंकू के नाम पर गोलू रेत कारोबार में दबदबा बना रहा है। ठेका कंपनी ने भी विरोध से बचने गोलू को बगल की खदान से रेत उठाने को कह दिया था।
गोलू गुर्जर सबसे पहले वह रुहेरा में पहुंचा। रुहेरा खदान सालों से भिंड के अमायन निवासी कोकसिंह नामक व्यक्ति के पास है। गोलू ने कोकसिंह से विवाद किया, लेकिन गोलू को वहां से भागना पड़ा। बुधवार को वह खमरौली पहुंचा और यहां पहले से काम कर रहे जनक यादव से विवाद किया।
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