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एसएमएस हॉस्पिटल के बाहर कल देर शाम एक इंसान का कटा हुआ पांव श्वान(कुत्ता) खाते दिखा। इसे देख लोग चौंक गए और उसका वीडियो-फोटो बनाने लगे। घटना एसएमएस हॉस्पिटल के गेट नं-2 के सामने की है। लोगों का कहना था कि ये पैर का टुकड़ा हॉस्पिटल परिसर से ही लेकर आया
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ये मानव अंग किसका है और कहां से आया इसकी प्रशासन को अब तक कोई जानकारी नहीं है। लेकिन हॉस्पिटल में गेट नंबर दो तक ये आना बड़ी बात है। क्योंकि इससे कई मीटर दूर तक ऑपरेशन थिएटर नहीं है। ऑपरेशन थिएटर भी मैन बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर है। अब प्रशासन सीसीटीवी फुटेज के जरिए जांच करने की तैयारी कर रहा है कि ये आखिर कहां से आया?
आपको बता दें कि करीब चार माह पहले ट्रोम सेंटर में भी ऐसा ही एक मामला हुआ था। तब एक व्यक्ति का कटा हुआ हाथ का एक श्वान मुंह में दबाए घूमता दिखा था। इस घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया था और प्रशासन ने जांच के बाद लापरवाही बरतने पर एक वार्ड बॉय को हटा दिया था।
खराब अंगो का निस्तारण करने का है प्रावधान
डॉक्टरों के मुताबिक हॉस्पिटल में अगर कोई मरीज का अंग खराब होने पर काटा जाता है तो उसके निस्तारण की एक प्रक्रिया होती है। उसे मोर्चरी में रखवाया जाता है और बाद में उसे साइंटिफिक पद्धति से निस्तारित किया जाता है। लेकिन अक्सर देखने में आया है कि यहां का स्टाफ इसे डस्टबिन में फेंक देता है। फिर इसे बायोवेस्ट कचरा डिपो से डंप कर दिया जाता है। इस कारण कई बार श्वान इस तरह के मानव अंगों को लेकर हॉस्पिटल परिसर में इधर-उधर घूमते रहते है।
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