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दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपना सरकारी घर छोड़ने का भी ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह नवरात्रि में अपना घर खाली कर देंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपना सरकारी घर छोड़ने का भी ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह नवरात्रि में अपना घर खाली कर देंगे और इसके बाद वह दिल्ली की जनता के बीच आकर रहेंगे। केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर पर ‘जनता की अदालत’ (Janta Ki Adalat) लगाकर लोगों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली का चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा है, अगर आपको लगता है कि हमने काम किया है और केजरीवाल ईमानदार है, तभी झाड़ू का बटन दबाना।
केजरीवाल ने कहा कि पिछले 10 साल से हम दिल्ली में ईमानदारी से काम कर रहे थे, जब भाजपा को लगा कि हमसे चुनाव नहीं जीत सकते तो हमारे खिलाफ साजिश रची। एक-एक करके हमारे सभी नेताओं को जेल में डाल दिया। हमारे ऊपर झूठे मुकदमे लगाए गए। मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि मैं भ्रष्टाचार का दाग लेकर कुर्सी पर नहीं बैठ सकता हूं।
इस्तीफा देने के बाद मुझे सरकारी आवास छोड़ना है, लेकिन मेरे पास रहने के लिए घर नहीं है। मुझे कई लोग कहते हैं कि तू कैसा आदमी है, 10 साल सीएम रहा फिर भी एक घर नहीं बनाया। अब जब मैं घर छोड़ रहा हूं तो मेरे पास इतने लोगों के फोन और मैसेज आ रहे हैं कि आप मेरे घर ले लो, मैं किराया नहीं लूंगा। मैं नवरात्रि में अपना सरकारी घर छोड़ दूंगा और आप सबके बीच आकर रहूंगा।
उन्होंने कहा, “मैंने 10 साल में कुछ नहीं कमाया, सिर्फ आपका प्यार और आशीर्वाद कमाया है। और इसी प्यार का नतीजा है कि आज जब मैं सरकारी आवास छोड़ रहा हूं, तो दिल्ली में बहुत से लोग मुझे बिना किराए के अपना घर दे रहे हैं। पितृ पक्ष खत्म होने के बाद और नवरात्रि शुरू होते ही मैं सीएम आवास छोड़कर आपके किसी भी घर में आ जाऊंगा और आपके साथ रहना शुरू कर दूंगा।”
‘मैं भ्रष्टाचार करने के लिए राजनीति में नहीं आया’
केजरीवाल ने कहा कि लोग मुझे भ्रष्टाचारी और चोर कहे तो मुझे फर्क पड़ता है। इसलिए जनता की अदालत में आया हूं। नेताओं की मोटी चमड़ी होती है, लेकिन मेरी नहीं है। इसलिए मुझे फर्क पड़ता है, क्योंकि 10 साल में मैंने सिर्फ इज्जत कमाई है। मैंने इस्तीफा इसलिए भी दिया, क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने के लिए राजनीति में नहीं आया था। मुझे सत्ता की भूख नहीं है। मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए। मुझे पैसे कमाने होते तो आयकर विभाग की नौकरी नहीं छोड़ता।
पुराने दिन याद आ गए
केजरीवाल ने कहा जंतर-मंतर पर आकर मुझे पुराने दिन याद आ गए। अप्रैल 2011 में इसी स्थान से आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था। डेढ़-दो साल तक यह आंदोलन हुआ। उस वक्त की सरकार बड़ी अहंकारी थी, उन्होंने हमारी बात नहीं मानी।
बटन तभी दबाना जब लगे कि ईमानदार हूं…
केजरीवाल ने कहा कि मैं अंदर से बहुत दुखी हूं और इसलिए मैंने इस्तीफा दिया। मैं अब जनता की अदालत में आया हूं। आने वाले चुनाव में झाड़ू का बटन तभी दबाना जब अगर आपको लगे कि केजरीवाल ईमानदार है।
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