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रिंग रोड स्थित मंकी ब्रिज के संरक्षण का काम पूरा हो गया है। आज से ब्रिज के सभी आर्च के नीचे से वाहन कश्मीरी गेट जाने के लिए गुजर सकेंगे। मई से संरक्षण कार्य के चलते ब्रिज की तीन मेहराब में से एक के नीचे वाहनों के जाने पर रोक थी।
दिल्ली के रिंग रोड स्थित मंकी ब्रिज के संरक्षण का काम पूरा हो गया है। सोमवार (आज) से ब्रिज की सभी मेहराब (आर्च) के नीचे से वाहन कश्मीरी गेट जाने के लिए गुजर सकेंगे। मई से संरक्षण कार्य के चलते ब्रिज की तीन मेहराब में से एक के नीचे वाहनों के जाने पर रोक थी। व्यस्त समय में वाहन चालकों को यहां जाम से जूझना पड़ रहा था। संरक्षण कार्य के लिए रोड पर बैरिकेडिंग की गई थी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी ने बताया कि ब्रिज की तीन मेहराब हैं, जिसके नीचे से वाहन गुजरते हैं। इनमें एक मेहराब का हिस्सा कुछ वर्ष पहले ट्रक की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसमें ब्रिज का ऊपरी आधा हिस्सा टूट गया था। टूटे हुए हिस्से को संरक्षित करने के लिए प्लास्टर और एंकरिंग की गई है।
ज्ञात हो कि मंकी ब्रिज हनुमान मंदिर फ्लाईओवर से पहले बना है। यह ब्रिज कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस टर्मिनल को जोड़ता है। इस ब्रिज के नीचे से प्रतिदिन भारी संख्या में वाहन आते-जाते थे। यह ब्रिज लाल किले और सलीमगढ़ किले को जोड़ता है। संरक्षण कार्य पूरा होने के बाद अब वाहन चालकों को आसानी होगी। वह कम समय में अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सकेंगे।
क्षतिग्रस्त हिस्से के पुराने स्वरूप को लौटाया
अधिकारी के अनुसार, मजबूती और लंबे समय तक चलने वाली संरचना के निर्माण में एंकरिंग का कार्य होता है। इसमें सामग्रियों को एक साथ जोड़ने या कंक्रीट और दूसरी निर्माण सामग्री को सुरक्षित करने की प्रक्रिया है। ब्रिज के क्षतिग्रस्त हिस्से के पुराने स्वरूप को लौटा दिया है। सोमवार से यातायात के लिए खोल देंगे। दोबारा से ब्रिज के उस हिस्से को नुकसान न पहुंचे उसके लिए ऊंचाई वाले बैरियर लगाए हैं, जिसके चलते कोई बड़ा वाहन नीचे से नहीं गुजर सकेगा।
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