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canada pm justin trudeau : कनाडा की संसद में अभी कुछ दिन पहले ही खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के लिए मौन रखा गया था. अब फिर कनाडा का खालिस्तान प्रेम जाग गया है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने एयर इंडिया की फ्लाइट कनिष्क बम विस्फोट की 39वीं वर्षगांठ पर बयान तो जारी किया, लेकिन खालिस्तान आतंकवाद की निंदा करने से परहेज किया. कनाडा के इस खालिस्तानी प्रेम को लेकर भारत कई बार आपत्ति जारी कर चुका है, लेकिन फिर भी कनाडा बाज नहीं आ रहा है. दरअसल, एयर इंडिया की फ्लाइट कनिष्क पर बम विस्फोट की 39वीं वर्षगांठ मनाई जा रही थी. इसको लेकर कनाडा के पीएम ट्रूडो खालिस्तानी आतंकियों पर बयान देने से बचते रहे.
वहीं, पीड़ितों की याद में एक प्रार्थना सभा भी हो रही थी, वहां जब खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस के सदस्य पहुंचे तो लोगों ने हंगामा कर दिया. उन्हें बेइज्जत कर खदेड़ दिया, जिसे खालिस्तानियों के प्रति गुस्से के तौर पर देखा जा रहा है.
हवाई विस्फोट में 329 लोग मारे गए थे
1985 में 23 जून को एयर इंडिया की उड़ान AI-182 पर खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों ने हवा में ही बम विस्फोट किया था. इस विमान में सभी 329 यात्री मारे गए थे. इस फ्लाइट का नाम कनिष्क रखा गया था. इसे कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ी आतंकी घटना माना जाता है. हर साल हजारों लोग 23 जून को पीड़ितों को याद करते हैं. वैंकूवर और टोरंटो में इस बार जब प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ तो सिख फॉर जस्टिस और अन्य खालिस्तानी समर्थक समूह उसमें शामिल होने पहुंचे, ताकि सहानुभूति पा सकें, लेकिन उन्हें बेइज्जत होना पड़ा. इस कार्यक्रम में कनाडा सरकार का कोई भी प्रतिनिधि नहीं आया, इसलिए लोगों ने नाराजगी भी जाहिर की.
विदेश मंत्री जयशंकर बोले-आतंकवाद बर्दाश्त नहीं
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इसको लेकर एक बयान जारी किया. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि आज इतिहास में आतंकवाद के सबसे बुरे कृत्यों में से एक की 39वीं वर्षगांठ है. मेरी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं. यह वर्षगांठ हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
भारत ने लगाया आतंकवाद के महिमामंडन का आरोप
वहीं, कनाडा में भारत के राजनयिक संजय कुमार वर्मा ने कनिष्क हादसे की 39वीं वर्षगांठ के लिए ओटावा में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसमें पीड़ितों के परिवार, कनाडाई अधिकारी और भारतीय प्रवासी सदस्य शामिल हुए. राजदूत ने कहा कि दुनिया की किसी भी सरकार को राजनीतिक लाभ के लिए अपने क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. सभी आतंकवादी गतिविधियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
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