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राजस्थान के भरतपुर जिले के नोह गांव में रहने वाला युवक शादी के 7 साल बाद अचानक एक दिन घर से गायब हो जाता है।
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घरवाले बहुत ढूंढते हैं, पर उसका कोई पता नहीं चलता। 6 साल का बेटा और 4 साल की बेटी रोज अपनी मां से रोज पूछते थे- पापा कब आएंगे?
युवक के अचानक गायब होने से उसके पिता बदहवास हो गए थे। दिनभर बेटे की तलाश करते और रात काे नींद आने पर बेचैन घूमते रहते।
एक रात वो इसी तरह बेचैनी में घूम रहे थे, जब लापता बेटे की पत्नी के कमरे की लाइट जलती देखी। कमरे के पास गए तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया- ‘आप जल्दी आ जाइए, मैं जानता हूं मेरे बेटे के लापता होने के पीछे कौन है।’
पढ़िए पूरी रिपोर्ट
पवन भरतपुर का और रीमा कानपुर की रहने वाली थी।
कानपुर की लड़की से हुई थी शादी
भरतपुर के रहने वाले पवन शर्मा की 3 जून 2015 को कानपुर (UP) की रीमा से शादी हुई थी। पवन सामान्य परिवार से था। उसकी दो बहनें हैं।
पिता हरिप्रसाद शर्मा किसान हैं। पवन दिल्ली में काम करता था। 4 साल तक पवन दिल्ली में और रीमा गांव में रही थी।
साल 2019 में पवन रीमा को भी अपने साथ दिल्ली ले गया। 2021 में पवन ने दिल्ली का काम छोड़ दिया और रीमा के साथ वापस भरतपुर आ गया।
इस बीच 29 मई 2022 की रात पवन घर से गायब हो गया। 30 मई की सुबह पवन कहीं नहीं दिखा तो घरवालों ने रीमा से पूछा। रीमा को भी कुछ पता नहीं था।
पहले तो सभी ने यही सोचा कि यहीं कहीं गया होगा, आ जाएगा, लेकिन वो शाम तक नहीं लौटा। उसका फोन भी बंद था। घरवालों ने चिकसाना पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी दर्ज कराई।
घरवालों ने पत्नी से नहीं करने दी पूछताछ
पुलिस ने पड़ताल की तो सामने आया कि पवन के मोबाइल फोन की लास्ट लोकेशन उसके घर की ही आ रही थी। ऐसे में पुलिस उसकी पत्नी रीमा से पूछताछ करना चाहती थी।
हालांकि इसके लिए पवन के घरवालों ने मना कर दिया और कहा कि पवन खुद ही कहीं चला गया है। रीमा से कोई पूछताछ नहीं होगी। उन्हें अपनी बहू पर पूरा विश्वास है।
पुलिस ने भी इसे पारिवारिक नाराजगी में मामूली गुमशुदगी समझ लिया। इस बीच पांच महीने बीत गए। रीमा ने इस बीच करवा चौथ का व्रत भी रखा।
पवन के पिता हरि प्रसाद शर्मा। सबसे पहले उन्होंने ही अपनी बहू पर शक जताया था।
सामने आया बहू का असली चेहरा
16 अक्टूबर की रात पवन के पिता हरि प्रसाद लापता बेटे की चिंता में परेशान टहल रहे थे। उन्होंने रीमा के कमरे की लाइट जलती हुई देखी। कमरे से आवाज भी आ रही थी।
कमरे के पास गए तो जो देखा वो किसी बुरे सपने से भी बुरा था। जिस बहू पर उन्हें हद से ज्यादा विश्वास था, वो उन्हीं के पड़ोस में रहने वाले भागेंद्र नाम के युवक के साथ आपत्तिजनक हालत में थी।
हरि प्रसाद ने कमरे की कुंडी बाहर से लगा दी। उन्होंने पुलिस को फोन किया और भागेंद्र के परिवार को भी बुलाया, जो पड़ोस में ही रहते हैं।
पुलिस के आने से पहले भागेंद्र का परिवार वहां पहुंच गया और झगड़ा करके उसे छुड़ा कर ले गए। भागेंद्र ने हरि प्रसाद को धमकी दी- ‘जैसे तेरे बेटे को मारा है, वैसे ही तुझे मार दूंगा। रीमा और मेरे बीच में मत आना।’
कमरे में मिली खून से सनी रजाई
भागेन्द्र की धमकी ने हरि प्रसाद को यकीन दिला दिया कि हो न हो उनके बेटे पवन के गायब होने के पीछे भागेन्द्र और रीमा का ही हाथ है।
उन्होंने पुलिस को भी अपना संदेह बताया। हालांकि पुलिस दोनों के अवैध संबंध को पवन की गुमशुदगी के पीछे की वजह मानने को तैयार नहीं थी।
इधर इस बवाल के बाद भागेंद्र दिल्ली चला गया और रीमा 28 अक्टूबर को कानपुर में अपने पीहर चली गई।
इधर जब इस बवाल की जानकारी पवन की बहन को लगी तो 30 अक्टूबर को वो गांव आ गई।
यहां उसने पवन और रीमा के कमरे की तलाशी ली तो उसे अंदर दबा के रखी एक रजाई में खून लगा हुआ मिला।
ये देखते ही उसे और घरवालों को पवन के साथ किसी बड़ी अनहोनी का शक हो गया। उन्होंने तुरंत पुलिस को बुलाया और खून से सनी रजाई दिखाई।
रीमा और भागेंद्र दिल्ली में मिले थे। वहीं से दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं।
दोस्त की मदद से की हत्या
पुलिस के सामने अब बहुत बड़ा सबूत आ चुका था। पुलिस ने तुरंत रीमा काे कानपुर से और भागेंद्र को दिल्ली से पूछताछ के लिए थाने बुला लिया।
चिकसाना एसएचओ विनोद मीणा ने बताया कि 20 नवम्बर को दोनों से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की गई ।
शातिर रीमा कई देर तक पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करती रही। दूसरी तरफ भागेंद्र भी पुलिस को बातों में घुमाता रहा।
दोपहर में पुलिस ने सख्ती से भागेंद्र से पूछताछ की तो उसने सच बयां कर दिया। उसने बताया कि वो रीमा से प्यार करता है।
उसने बताया कि पवन ने उसे और रीमा को एक साथ देख लिया था तो उसने उसकी हत्या कर दी। पवन के मर्डर में उसका दीप नाम का एक दोस्त भी साथ था।
दिल्ली में दोनों के बीच बढ़ी नजदीकियां
भागेन्द्र के कबूलनामे के बाद रीमा भी टूट गई और उसने भी पुलिस को सब कुछ सच बता दिया।
रीमा ने पुलिस को बताया कि साल 2019 में पवन उसे अपने साथ दिल्ली ले गया था। दिल्ली में पवन के गांव का भागेंद्र भी रहता था।
शादीशुदा भागेंद्र लोन दिलाने का काम करता था। वहीं पर भागेंद्र और रीमा की मुलाकात हुई। धीरे-धीरे मुलाकात नजदीकियों में बदल गई।
पवन काम पर जाता तो वो भागेंद्र को घर बुला लेती। दोनों साथ में घूमते। भागेंद्र उसे गिफ्ट भी लाकर देता था। इस दौरान दोनों के बीच कई बार संबंध बने।
साल 2021 में पवन ने दिल्ली का काम छोड़ दिया और रीमा के साथ वापस भरतपुर आ गया। भरतपुर आने के बाद रीमा और भागेंद्र का आपस में मिलना बंद हो गया था।
पुलिस की गिरफ्त में रीमा और भागेंद्र। फिलहाल मामला कोर्ट में है।
रीमा रोज रात पूरे परिवार को देती नींद की गोलियां
मिलना बंद हो गया तो रीमा और भागेन्द्र ने खतरनाक साजिश रची। रीमा हर रात अपने पति पवन और पूरे परिवार को खाने, दूध-चाय में नींद की गोलियां मिलाकर देने लगी।
जब सब बेहोश हो जाते तो भागेन्द्र को फोन कर देती। बेहोश पवन की मौजूदगी में दोनों उसी कमरे में मिलते।
इस बीच 29 मई को भागेंद्र और उसका दोस्त दीप दिल्ली में शराब पार्टी कर रहे थे। उसी दौरान भागेंद्र को भरतपुर से रीमा का मैसेज मिला। उसने मिलने के लिए बुलाया था।
भागेंद्र भी कई दिनों से उससे मिला नहीं था। भागेंद्र ने दीप को साथ चलने के लिए तैयार कर लिया। दोनों 200 किलोमीटर बाइक चलाकर भरतपुर आ गए।
भागेंद्र रीमा के घर में चला गया और दीप को कुछ देर बाहर ही रुकने के लिए बोला। भागेंद्र घर में घुसा तो सब लोग नींद की गोलियों के कारण बेहोश थे।
वो सीधा रीमा के कमरे में चला गया। पवन बेहोश था। उसी कमरे में रीमा और भागेंद्र ने संबंध बनाए।
पवन की मां को जब पता चला कि उनकी बहू ने ही उनके बेटे की हत्या की है तो वे बेसुध हो गईं।
पवन होश में आया ताे कर दिया मर्डर
इसी दौरान पवन की बेहोशी टूट गई। पत्नी को भागेंद्र के साथ आपत्तिजनक हालत में देखकर वो आग-बबूला हो गया।
गुस्से में उसने भागेंद्र को पकड़ लिया। रीमा ने पवन के पैर पकड़े तो उसने उसे धक्का देकर दूर गिरा दिया।
भागेंद्र पवन का गला दबाने लगा और दीप को भी अंदर बुला लिया। तीनों ने मिलकर पवन का गला घोंटकर उसे मार दिया।
हत्या के बाद भागेंद्र और रीमा ने लाश को चादर में लपेटकर रस्सी से बांध दिया। इसके बाद लाश बोरी में डाल दी। भागेंद्र और रीमा ने कमरे में बिखरा खून साफ किया।
इसके बाद भागेंद्र और दीप बाइक पर शव रखकर उसे गांव से 2 किलोमीटर दूर सुनसान जंगल में नहर के पास ले गए।
वहां उन्होंने बोरे में लाश के साथ 15 किलो का पत्थर बांध नहर में डाल दिया ताकि लाश पानी के ऊपर न आ जाए।
दोनों रात करीब 2.30 बजे बाइक पर ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सुबह 8 बजे दोनों दिल्ली पहुंचे।
दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर नहर के पास शव निकालने पहुंंची। भागेंद्र ने उन्हें बताया कि शव कहां पर फेंका।
उसकी निशानदेही पर बोरा निकाला गया। बोरे को खोलकर देखा तो उसमें सिर्फ 17 हड्डियां मिलीं। 6 महीने में मछलियां और कछुए शव को पूरी तरह खा गए थे। बोरे में पवन की शर्ट, पर्स और दस्तावेज मिले।
पवन और रीमा की शादी 3 जून 2015 को हुई थी।
कोर्ट में चल रहा है मामला
चिकसाना पुलिस स्टेशन के एसआई कृष्णवीर सिंह ने बताया कि पुलिस ने खुलासे के तत्काल बाद ही मर्डर में शामिल पत्नी रीमा, बॉयफ्रेंड भागेन्द्र और उसके दोस्त दीप को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया था। फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है।
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