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दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले दिल्ली कांग्रेस में घमासान जैसी स्थिति बन गई है। पहले से ही कार्यकर्ता कन्हैया कुमार और उदित राज को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे थे। अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा देकर पार्टी को बड़ा झटका दे दिया है। हालांकि, अरविंद सिंह लवली को मनाने की भी कोशिशें की जा रही हैं। इस बीच जब उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार से लवली के इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो उनके इस्तीफे की बात से अंजान है।
न्यूज एजेंसी ‘PTI’ से बातचीत में कन्हैया कुमार ने कहा, ‘मैं नहीं जानता हूं, मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं जानकारी जुटा रहा हूं। मुझे तो सिर्फ आपसे यह सूचना मिल रही है। इसलिए मुझे पार्टी से जानकारी जुटा लेने दीजिए फिर मैं आपसे कुछ कहूंगा।’
कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि स्थानीय नेता को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारी कन्हैया कुमार को बाहरी बता रहे थे। कहा जा रहा है कि कन्हैया की तस्वीर वाली कुछ पोस्टरें लगाई गई हैं उनमें सिर्फ राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल की ही तस्वीर लगी है। इस बात से भी कार्यकर्ता नाराज हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपा था। अरविंद सिहं लवली ने लिखा, ‘दिल्ली प्रदेश कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढंत और भ्रष्टाचार के आरोप को अपना आधार मानती थी। इसके बावजूद पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन किया।
अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में यह भी कहा है कि उदित राज और कन्हैया कुमार दोनों ही उम्मीदवार दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की राजनीति के लिए बिल्कुल नए हैं। लवली ने यह भी कहा है कि दिल्ली की तीन सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद से कई कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। अरविंदर सिंह लवली ने पूर्व में कन्हैया कुमार औऱ उदित राज्य द्वारा दिए गए बयानों पर भी ऐतराज जताया है।
इधर लवली के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, ‘अरविंद सिंह लवली ने जो खत लिखा है उसपर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही भविष्य के बारे में फैसला लेंगे। मैं यह कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी के साथ हमारा गठबंधन उनकी इच्छा से ही था। आम चुनाव हो रहे हैं और किसी को अपनी निजी ख्वाहिशें अभी अलग रखनी चाहिए।’
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