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मुरादाबाद में युवक को घोड़े ने काटा
– फोटो : अमर उजाला
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लाइनपार रामलीला मैदान क्षेत्र में एक पागल घोड़े ने एक फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले युवक को फोन पर बात करते समय काट लिया। जिससे वह घायल हो गया। आसपास के लोगों ने बताया कि रामलीला मैदान क्षेत्र में तीन पागल घोड़े अक्सर घूमते रहते हैं। जो पिछले एक माह में करीब 10 लोगों को काट चुके हैं।
लोगों ने बताया कि इसकी सूचना नगर निगम प्रशासन को दी जा चुकी है। सूचना पर नगर निगम की टीम मौके पर गई थी, लेकिन उसे मौके पर घोड़ा नहीं मिला। अब नगर निगम की टीम संबंधित घोड़ों की रविवार को तलाश करेगी। रामतलैया निवासी विमल कश्यप (30) ने बताया कि वह एक फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं।
दो दिन पहले वह कंपनी के काम से लाइनपार रामलीला मैदान से अपने एक मित्र के साथ बाइक से जा रहे थे। रामलीला मैदान के पास पहुंचने पर कंपनी से कॉल आने पर उन्होंने मित्र से बाइक रुकवाई और उतर कर रामलीला मैदान के किनारे खड़े होकर मोबाइल से बात करने लगे।
उन्होंने बताया कि इसी बीच कुछ देर बाद रामलीला मैदान में चर रहा एक घोड़ा तेजी के साथ दौड़ते हुए उनके पास आया तथा पहले लात मार कर उन्हें गिरा दिया इसके बाद उसने हाथ, सीने और पेट समेत कई स्थान पर काट लिया। साथी व कुछ राहगीरों ने बमुश्किल उसे बचाया।
अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के जिला उपाध्यक्ष विशाल शुक्ला ने बताया कि संबंधित क्षेत्र में तीन छुट्टा घोड़े रामलीला मैदान और उसके आसपास घूमते रहते हैं। कई बार यह एक साथ तो कई बार वह अलग-अलग दिखाई देते हैं। यह घोड़े अपने आसपास से गुजरने वाले लोगों पर हमला कर देते हैं।
इन घोड़ों द्वारा अभी तक करीब 10 लोगों को काट कर घायल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना भी नगर निगम प्रशासन को दी गई है, लेकिन अभी तक निगम प्रशासन द्वारा इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है।
लाइनपार रामलीला मैदान क्षेत्र में घोड़े द्वारा एक व्यक्ति को काटे जाने की सूचना शनिवार को मिली थी। इस पर टीम भेजी गई थी। लेकिन वह घोड़ा आसपास के क्षेत्र में टीम को नहीं मिला। रविवार को पुन: टीम भेजी जाएगी। लोगों को घोड़े के आतंक से निजात दिलाने के जो भी प्रयास होंगे किए जाएंगे। -अतुल कुमार, अपर नगर आयुक्त
घोड़े अमूमन किसी को बिना छेड़े नहीं काटते या मारते हैं। कई बार कभी किसी व्यक्ति द्वारा संबंधित घोड़ों अथवा उसके बच्चों को कभी मारने या सताने के बाद यह प्रवृत्ति देखने को मिलती है। इसके अलावा रेबीज के केस में भी कई बार घोड़ा लोगों को काट लेता है। लेकिन ऐसे केसों में पीड़ित घोड़ा सावर्जनिक स्थानों घूमता नहीं मिलेगा वह अंधेरे अथवा एकांत में बैठा मिलेगा और स्वत: जल्दी मर जाता है। लेकिन यह सब परीक्षण के बाद ही स्पष्ट हो सकता है। – डॉ. अनिल कंसल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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