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जब भी पाकिस्तान आर्थिक बदहाली के दौर से गुजरता है तो वह चीन और सऊदी अरब से मदद मांगता है. अब भी वह आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है. ऐसे में उसने दोनों देशों के समाने मदद के लिए हाथ फैलाए हैं. चीन से 2 अरब डॉलर के कर्ज की मांग की है, जबकि सऊदी अरब ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में अपनी कर्ज के तौर पर जमा राशि को बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर कर दिया है ताकि वह दिवालिया न हो. साथ ही क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इसी महीने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पाकिस्तान में गल्फ किंगडम के निवेश को बढ़ाकर 10 अरब डॉलर तक पहुंचाने का अध्ययन करें.
जब-जब पाकिस्तान को जरूरत पड़ी है तब-तब सऊदी अरब ने उसकी मदद की है, लेकिन 5 दशक में बार-बार मदद के लिए हाथ फैलाने वाला यही पाकिस्तान सऊदी अरब से बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. Goldman Sachs का अनुमान है कि 2075 तक पाकिस्तान की जीडीपी सऊदी अरब से दोगुनी हो जाएगी. गोल्डमैन ने 2075 में 25 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की एक लिस्ट तैयार की है, जिसमें पाकिस्तान को छठे और सऊदी अरब को 18वें नंबर दिखाया गया है.
2075 में 12.3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था होगा पाकिस्तान
Goldman Sachs ने भविष्यवाणी की है कि 2075 तक पाकिस्तान की जीडीपी 12.3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान को मजबूत अर्थव्यवस्था बनने में देश की युवा आबादी, मैन्यूफेक्चरिंग में संभावनाएं और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति मदद करेंगे. हालांकि, पाकिस्तान के सामने राजनीतिक अस्थिरता की चुनौती है और उसे आर्थिक सुधार, शिक्षा एवं हेल्थकेयर की जरूरतों पर ध्यान देने की जरूरत है.
5 दशक में कितनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा सऊदी अरब?
Goldman Sachs ने साल 1980, 2000, 2022 के आंकड़े भी पेश किए हैं और साथ में बताया है कि 2050 और 2075 में किस देश की जीडीपी कितनी पहुंच जाएगी. रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, 2050 में सऊदी अरब 13वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा, लेकिन 2075 में 6.1 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 18वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. रिपोर्ट का कहना है कि सऊदी अरब की तेल संपदा, टेक्नोलॉजी और टूरिजम में इनवेस्टमेंट जीडीपी बढ़ाने में मदद करेंगे, लेकिन तेल की निर्भरता, क्षेत्रीय भू-राजनीतिक तनाव और सामाजिक सुधार की चुनौती होगी.
सऊदी अरब ने कब-कब की पाकिस्तान की मदद?
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कार्यकाल से लेकर अब तक कई बार सऊदी अरब ने पाकिस्तान को अरबों डॉलर की मदद की है. साल 2013 से 2018 के बीच नवाज शरीफ की पीएमएल-एन सरकार को सऊदी से 7.5 बिलियन डॉलर का पैकेज मिला था. इसके बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार आई और इमरान खान प्रधानमंत्री बने. उनके कार्यकाल में पाकिस्तान को 4.2 बिलियन डॉलर की मदद मिली, जिसमें से 3 बिलियन डॉलर बैंक डिपोजिट के तौर पर मिले, जबकि बाकी की 1.2 बिलियन डॉलर की राशि ऑयल फैसिलिटी के तौर पर दी गई. साल 2022 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान की ऑयल फैसिलिटी को 1.2 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 4.2 बिलियन डॉलर कर दिया. साल 2021 में पाकिस्तान के स्टेट बैंक में सऊदी अरब ने 3 बिलियन डॉलर जमा किए थे.
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