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रांची के होटवार में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद बुधवार को उस क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में जिंदा या मृत मुर्गियों के उत्पाद और अंडे की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। बताया गया कि होटवार में लगभग 1800 मुर्गी और चार सौ बतख थे। पशु स्वास्थ्य संस्थान कांके के निदेशक सनथ पंडित ने बताया कि पुष्टि के बाद जिला पशुपालन अधिकारी की अगुवाई में टीम गठित कर नष्ट (कलिंग) करने का निर्देश दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि संक्रमित पक्षियों के सुरक्षित निपटान की प्रक्रिया जारी है। वहीं पशुपालन निदेशालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। जिसमें कहा गया है कि पोल्ट्री एर्या के होटवा में एपिक सेंटर के एक किमी के अंदर सभी पक्षियों और अंडों को डिस्पोज करने, संक्रमित क्षेत्र की सफाई और डिस्इंफेक्शन एक्शन प्लान के तहत आरआरटी टीम का गठन किया गया है।
क्षेत्रीय पोल्ट्री फार्म के असिस्टेंट मैनेजर डॉ. गणेश राम महली ने बताया, ‘हमें पोल्ट्री फार्म में और इसके एक किलोमीटर के दायरे में सभी पक्षियों और अंडों को डिस्पोज (निपटान) करने का निर्देश दिया गया। हमने इस काम के लिए एक टीम बनाई है। चूंकि बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है, हमें लोगों को चिकन न खाने के लिए जागरूक करना होगा, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। अब तक 1697 अंडे और 1800 पक्षियों को डिस्पोज किया जा चुका है, पूरे फार्म को सैनिटाइज किया जा रहा है। हम अगले तीन महीनों तक कोई पक्षी नहीं लाएंगे। हमने सैंपल इकट्ठा किया और इसे कोलकाता भेजा, जिसकी उन्होंने 20 अप्रैल को पुष्टि हुई। इसके बाद झारखंड सरकार और केंद्र सरकार को भी कंफर्मेशन भेजी गई।’
वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि बर्ड फ्लू संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। खासकर बच्चों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाना होगा। पक्षियों से इंसानों में फैलने वाले एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू पर रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि यह वायरस वैसे तो पक्षियों को अपना शिकार बनाता है, लेकिन इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं। इसका संक्रमण ज्यादातर मुर्गी, सूअर और प्रवासी जलीय पक्षियों से फैलता है। संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से यह इंसान में फैलता है।
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