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हैलट अस्पताल
– फोटो : सोशल मीडिया
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माहौल में तपिश बढ़ते ही वायरल और बैक्टीरियल दोनों तरह के डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है। रोगियों की आंतों में संक्रमण हो रहा है। हैलट ओपीडी में गैस्ट्रोइंटाइटिस और डायरिया के 35 रोगी आए। साथ ही उल्टी और दस्त के बाद हालत बिगड़ने पर गंभीर हालत में इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। एक बच्चे की डायरिया और निमोनिया से मौत हो गई।
बालरोग विशेषज्ञों के यहां डायरिया रोगियों की भीड़ है। उनका कहना है कि इस मौसम में रोटा वायरस सक्रिय हो जाता है जिससे डायरिया होता है। अस्पताल में इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस के रोगी आ रहे हैं। मंधना के रहने वाले राम सनेही के दो साल के बेटे गुड्डू की डायरिया से मौत हो गई। बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे कल्याणपुर के अस्पताल लाए थे।
परिजनों का कहना है कि डायरिया के बाद बच्चे को निमोनिया भी हो गया था। अस्पताल में जांच के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई। इसके अलावा बालरोग अस्पताल की ओपीडी में रोगी आए। हैलट के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि गैस्ट्रोइंटाइटिस, डायरिया और वायरल संक्रमण के रोगी अधिक थे। इमरजेंसी में 25 रोगियों को भर्ती किया गया। 10 रोगी उल्टी-दस्त और डायरिया के थे।
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