राजेश गोस्वामी
आजादी के 70 वर्षों बाद भी जनपद में पानी की समस्याओं से निजात नही मिला ।जनपद के 10 ब्लाकों की अलग अलग मौलिक समस्याएं है जिनके समाधान के लिए अपेक्षित प्रयास नही हुए । फ्लोराइड रहित शुद्ध पेयजल बभनी, चोपन ब्लॉक के लोगों को सुलभ नहीं है। वन्य जीव, जल जीव, वन्य उपजों का विपणन आदि की जटिलताएं सुधरी नहीं । चेरुई, मारकुंडी, भाठ क्षेत्र और विजयगढ़ दुर्ग घाटी, शिवद्वार ,महामंगलेश्व, अमिला धाम, झींगुरदाह,मच्छंद्रनाथ , आबाडी आदि पर्यटन क्षेत्रों में आने जाने रहने ठहरने आदि की व्यवस्था का अभाव है । देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मारकुंडी घाटी को मिनी सिंगापुर से सम्बोधित किया था। जनपद में पर्यटन के अपार संभावनाएं है। इसके बाद भी यहाँ का पर्यटन अपने नेताओं की राह देख रहा है।
जनपद में रोजगार सबसे बड़ा जरिया खनन /क्रेसर फील्ड है । सूबे में कांग्रेस ,सपा ,बसपा एव बीजेपी की सरकारे बारी बारी आते जाते रही लेकिन खनन नीति न बन पाने के कारण हमेशा दंश झेलता रहता हैं। क्रेसर ब्यवसाई कभी खुलकर जिंदगी नही जी पाए। ट्रक मालिक अंडर लोड ओभर लोड के चक्कर मे उलझे रहते हैं। परमिट का खेल जारी है। खनन क्षेत्र कब बंद हो जाएगा कोई निर्धारित नही हैं।
जनपद सोनभद्र बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एशिया महादेश में दूसरा स्थान रखता है। यहाँ कोयला ,अबरख, बक्साइ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।सूबे में नोएडा के बाद राजस्व देने में जनपद दूसरे स्थान पर है। फिर भी बेरोजगारी सुरसा की तरह मुहँ बाए खड़ी हैं।
जनपद सोनभद्र में चार विधानसभा एव एक लोकसभा क्षेत्र हैं। जनप्रतिनिधि आते हैं जाते रहते है ।पिछले दो पंचवर्षीय से बीजेपी की सरकार हैं और सभी विधायक एव सांसद बीजेपी एव एनडीए गठबंधन के हैं सिर्फ दुद्धी विधानसभा फिलहाल खाली हैं।जिसपर उप चुनाव होने हैं। जनपद में एक राज्यमंत्री भी हैं । इतने संसाधन एव सुअवसर होने के बाउजूद जनपद में महिला डॉक्टरों की कमी हैं।अच्छे हॉस्पिटल एव डॉक्टरों की कमी है।
जनपद के कई ब्लॉक के गांवों में आज भी दुरूह गांव में जाने की सड़कें नही हैं ।